आमाशय और आंतों में जलन और उत्तेजना पैदा करने वाले भोजन, स्टेरॉयडरहित शोथरोधक औषधियों, शराब और तनाव आदि के कारण यह रोग हो जाया करता है।
एलोपैथी : रानीटाइडीन या इसके मिश्रण से बनी अन्य औषधियां जैसे- ओसिड, ओमनाप्राज़ील आदि।
एलोपैथी का प्रभाव : मुख में शुष्कता और कब्ज।
पेट मे गैस के उपाय होम्योपैथी में : अर्जेटम नाइट्रिकम 30 और आर्सेनिक अल्ब 30 पर्यायक्रम से तथा बिस्मथ 6, 30 ।
जीर्णकालिक आमाशय शोथ (Chronic Gastritis) : मसालेदार भोजन, ज्यादा मिर्च और अचार आदि खाने वाले लोगों तथा सिगरेट और शराब पीने वाले लोगों को यह रोग अधिकांशतः हो जाता है। कभी-कभी जीर्णकालिक आमाशयशोथ में क्षुधालोप और आंत्रवायु के लक्षण भी होते हैं।
एलोपैथी : सिसाप्राइड, ज़ानेटेक, ओमनाप्राज़ील (ओसिड)।
एलोपैथी का प्रभाव : सिसाप्राइड और ज़ानेटेक शुष्कता और मलावरोध उत्पन्न करते हैं। इन औषधियों से बवासीर में वृद्धि एक आम अतिरिक्त प्रभाव है। ओमनाप्राजोल से अम्लाभाव उत्पन्न हो जाता है। सीसाप्राइड हृदय के लिए घातक हो सकता है। (अतालता या एरिथमिया)।
होम्योपैथी में गैस की समस्या से छुटकारा :
नक्स बोमिका 80 : (यदि अतिसार हो तो)
नक्स बोमिका 200 : (यदि कब्ज हो तो)
काबॉवेज 80 और चायना 30 : पर्यायक्रम से
हाइड्रास्टासिस 80 : सुबह-शाम
शियोनैंथस Q 5 बूंद : भजन के बाद