इस पोस्ट में हम पेट का एक्स रे कैसे और क्यों किया जाता है इसके बारे में जानेंगे। पेट के एक्स रे का साइड इफेक्ट की भी जानकारी यहाँ दी जाएगी।
पेट का एक्स रे एक इमेजिंग टेस्ट है जो पेट में अंगों एवं उसकी संरचनाओं को देखने के लिए किया जाता है। इन अंगों में पेट, प्लीहा, आंतें शामिल हैं।
KUB ( गुर्दा, मूत्र, मूत्राशय) एक्स रे तब किया जाता है जब मूत्राशय एवं गुर्दा संरचनाओं को देखना जरूरी होता है। आपको बता दें कि यह परीक्षण किसी अस्पताल के रेडियोलोजी विभाग में किया जाता है। साथ ही साथ इसका उपयोग रेडियोलॉजिस्ट के द्वारा किसी डॉक्टर के क्लिनिक में भी किया जा सकता है।
पेट के एक्स रे के दौरान
पेट के एक्स रे के दौरान व्यक्ति को अपनी पीठ के बल बेड पर लेटा दिया जाता है और फिर एक्स रे मशीन व्यक्ति के पेट क्षेत्र में फोकस करती है। इसी दौरान व्यक्ति को कुछ छणों के लिए अपने सांस को रोकना पड़ता है जिससे तस्वीर धुंधली न हों। इस टेस्ट में व्यक्ति को अलग अलग तरीकों से खड़े रहने को कहा जा सकता है ताकि सही एंगल से तस्वीर ली जा सके।
एक्स रे की तैयारी
एक्स रे होने से पहले आप अपने सलाहकार को निम्नलिखित जानकारियां दें:-
- यदि आप महिला हैं और आपको लगता है कि आप गर्भवती हो सकती हैं या गर्भवती हैं
- इससे पहले बेरियम वाला एक्स रे हुआ है या नहीं
- यदि आप कुछ दिनों से कोई दवाई ले रही हैं
- एक्स रे के दोरान अस्पताल से एक गाउन मिलता है जिसे पहनने के लिए कहा जाता है। इस दौरान आपको सारे गहने निकालने होंगे।
नोट – पेट का एक्स रे कराने में कोई परेशानी नहीं होती है।
पेट का एक्स रे करवाने का निम्न कारण
- निगली गयी वस्तु को ढूंढने के लिए
- आंत में रुकावट का कारण ढूंढने के लिए
- पेट में दर्द का निदान करने के लिए
- ट्यूमर या अन्य रोगों का पता लगाने के लिए
- मूत्र प्रणाली की जांच करने के लिए, जैसे किडनी स्टोन इत्यादि।
नोट – यह टेस्ट आपकी उम्र के हिसाब से सही संरचना दिखाती है।
असामान्य निष्कर्षों का विवरण
- पथरी
- आंतों में शिकायत
- आंतों में बाहरी वस्तुएं
- पेट या आंतों में छिद्र
- पेट में चोट
- गैस्ट्रोस्टोन के कुछ प्रकार
- पेट में शिकायत
- आंतों में रुकावट
आपको बता दें कि अधिकांश केस में गर्भवती महिलाएं एवं बच्चे एक्स रे के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। ऐसे में यदि कोई महिला गर्भवती है या होने वाली है तो उसे तुरंत अपने सलाहकार को बता देना चाहिए। आपको यह भी बता दें कि दुनिया भर के अधिकांश डॉक्टरों का मानना है कि एक्स रे के टेस्ट में लाभ की तुलना में जोखिम कम होता है।