[ यूरोप और उत्तरी अमेरिका के एक प्रकार के छोटे गाछ से टिंचर तैयार होता है ] – यह दाँत के सब तरह के दर्दों में लाभदायक है। इसकी 2x से 3x शक्ति, 2-3 घण्टों का अंतर देकर सेवन करना और मूल-अर्क से रुई को तरकर रोग वाली जगह पर लगाने से प्रायः दाँत के सब तरह का दर्द आरोग्य हो जाता है। दाँत के दर्द के साथ यदि कान में दर्द हो तो इससे और भी ज्यादा फायदा होता है। कान के कटकट दर्द में प्लैण्टेगो मेजर का मदर टिंचर या सिर्फ 2-4 बून्द स्पिरिट कान में डालने पर साथ ही साथ तकलीफ घट जाती है। तम्बाकू खाने के कारण पैदा हुआ चेहरे का स्नायुशूल और दाँत के दर्द में भी यह फायदा करता है।
चनोपोडि ग्लौसि एफिस ( chenopodi glausi aphis ) 6 से 30 शक्ति – दाँत में दर्द, दाँत से कान में दर्द होना, कनपटी में ऐसे में यह दवा लाभ करता है। इसका भी लक्षण प्रायः प्लैण्टेगो के सदृश है।
चिरैन्थस ( cheiranthus ) – एक तरह के छोटे पौधे से टिंचर बनता है। अक्ल-दाँत निकलते के समय होने वाले दर्द में दूसरी-दूसरी दवाओं की अपेक्षा इसका मूल अर्क बाहरी प्रयोग से और भीतरी सेवन करने पर बहुत कुछ फायदा होता है। कान पकना, कान में पीब या बहरापन हो जाने की भी यह एक अच्छी दवा है।
कब्ज और बवासीर – हमेशा ही पाखाना जाने की इच्छा, बार-बार पाखाना जाता है परन्तु तकलीफ के कारण पाखाना होता नहीं। मलद्वार में मिर्चा लग जाने की तरह जलन, प्रदाह और दर्द, बहुत ही तकलीफ देने वाला बवासीर, रोगी खड़ा नहीं रह सकता, किसी अवस्था में भी उसे आराम नहीं मिलता। इस तरह के रोगी के मलद्वार में प्लैण्टेगो Q रुई में भिगोकर लगाया जाए तो सम्भवतः दूसरी दवाओं की अपेक्षा इससे जल्दी फायदा होगा। इस उपाय से तकलीफ बहुत जल्दी दूर हो जाती है।
पेशाब की बीमारी – बहुमूत्र, परिमाण में और एक बार में बहुत अधिक पेशाब, रात में पेशाब बढ़ना, इसके साथ ही प्यास।
क्रम – Q, 2x, 3x शक्ति।