ग्रीष्म-ऋतु में शरीर पर जो लाल रंग की छोटी-छोटी फुन्सियाँ हो जाती हैं, और जिनमें अत्यधिक खुजली मचती है, उन्हें अम्हौरी अथवा घमौरी कहा जाता है।
इनके लिए निम्नलिखित होम्योपैथिक औषधियाँ लाभकर सिद्ध होती हैं :-
जुगलैन्स रेजिया Q, 3 – सम्पूर्ण शरीर पर, विशेष कर चेहरा तथा गर्दन पर होने वाली खुजली एवं चुभन-युक्त छोटी-छोटी लाल फुन्सियाँ, जिनमें से किसी-किसी में पस भी पड़ जाता हो, इस औषध के प्रयोग से ठीक हो जाती हैं ।
रुमेक्स 3, 6 – छोटी-छोटी लाल फुन्सियां, जिनमें खुजली और जलन हो तथा शरीर से कपड़ा हटाते ही खुजली तथा जलन अधिक बढ़ जाती हो, उनके लिए यह औषध लाभकारी है ।
एपिस 30 – घम्हौरियों में डंक मारने जैसा दर्द, गर्मी सहन न हो पाना तथा दोपहर के समय कष्ट बढ़ जाना – इन लक्षणों में हितकर है ।
सल्फर 30 – गर्मी के दिनों में शरीर पर निकलने वाली छोटी-छोटी लाल फुन्सियाँ, जिनमें खुजली मचती हो तथा गर्मी में एवं सन्ध्या के समय कष्ट बढ़ जाता हो तो इस औषध के प्रयोग से लाभ होता है ।
आर्सेनिक एल्बम 30 – खुजली, जलन, बेचैनी-युक्त छोटी-छोटी फुन्सियाँ तथा रोगी को घूंट-घूंट पानी की प्यास लगने के लक्षणों में हितकर है।
आर्स-आयोड 3x – कण्ठमाला धातु-ग्रस्त रोगियों की त्वचा पर घम्हौरियों का निकलना, ग्रन्थियों का शोथ तथा स्नान करने के बाद कष्ट का बढ़ जाना – इन लक्षणों में यह औषध दो ग्रेन की मात्रा में भोजन करने के ठीक बाद लेनी चाहिए ।
विशेष – इनके अतिरिक्त लक्षणानुसार निम्नलिखित औषधियों के प्रयोग की भी आवश्यकता पड़ सकती है :- एण्टिम-कूड, लीडम, एकोनाइट, रसटाक्स तथा सल्फर।