[ फूल की कली से टिंचर तैयार होता है ] – यह नीचे लिखी कई बीमारियों में लाभदायक है :-
आँख की पीड़ा – आँख के भीतर बहुत जोर का दर्द, ऐसा मालूम होना कि जैसे किसी ने आँख कुचल दी हो, दाहिने चक्षुगोलक में फाड़ने जैसा तीव्र दर्द, बिजली की करेन्ट लगने के समान दर्द, जो मस्तिष्क के भीतर होकर माथे के पिछले भाग में चला जाता है। आँख की पुतली और कोरॉयड-गह्वर का प्रदाह।
मलद्वार की बीमारी – मलद्वार में दर्द के साथ कड़ा और गाँठ-गाँठ मल। चिकने श्लेष्मायुक्त अतिसार के दस्त के बाद मलद्वार में बहुत जलन।
पेशाब की बीमारी – मूत्रनली के स्ट्रिक्चर की ( मूत्रनली की राह सिकुड़कर सँकरी हो जाने का नाम स्ट्रिक्चर है ) एक उत्तम दवा है। इसके सिवा – ब्लैडर यानी मूत्राशय का शूल ( tenesmus ), पेशाब करने की निष्फल चेष्टा, वेग लगते ही पेशाब करने को जाना, किन्तु पेशाब के लिए बैठते ही ऐसा मालूम होना कि पेशाब मूत्रनली की मुँह तक आकर फिर पीछे वापस चला गया है और उसकी वजह से बहुत तकलीफ और जलन होना, जिसकी शांति के लिए रोगी का औंधा सोना। स्नायुशूल – पेशाब निकलने के पहले बहुत देर तक लिंग दबाते रहना, ऐसे लक्षण में प्रूनस स्पाइनोसा लाभ करता है।
दाँत की बीमारी – दाँतों में ऐसा मालूम होना कि जैसे उन्हें चिमटे से कोई उखाड़ रहा हो ; कोई गरम चीज मुंह में लेते ही तकलीफ का बढ़ जाना। ऐसे में प्रूनस स्पाइनोसा का प्रयोग अवश्य करें।
क्रम – 3 से 6 शक्ति।