इस रोग में मलद्वार के चहुँ ओर काफी खुजली रहती है । खुजली के साथ ही वहाँ की त्वचा पर उद्भेद भी निकल आते हैं। मलद्वार में सुरसुराहट, कुटकुटाना व खुजली होती है। यह रोग आँतों में कीड़े होना, कब्ज रहना, अपच या बदहजमी, बवासीर का रोग, मलद्वार में एक्जिमा या मस्से होना आदि रोगों के कारण होता हैं ।
सैबाडिला 30- मलद्वार में अत्यधिक कुटकुटाहट हो और खुजली रहती हो तो लाभप्रद हैं ।
रेडियम ब्रोमाइड 12, 30- मलद्वार में खुजली, साथ ही बवासीर का रोग भी हो तो इसे देना चाहिये ।
सल्फर 30, 200– बवासीर का रोग हो, साथ में मलद्वार में डंक मारने की भाँति का दर्द हों, मलद्वार में कुटकुटाहट के साथ जलन भी हो तो इसे देना लाभप्रद हैं ।
मेजेरियम 30– मल-त्याग के पूर्व व समय मलद्वार में कृमियों की तरह सुरसुराहट हो तो यह दवा दें ।
प्रनस स्पाइनोसा 6, 30- मलद्वार में दर्द होने के साथ ही कठोर व गाँठों के रूप में मल आये, चिकना श्लेष्मायुक्त अतिसार, अतिसार में दस्त होने के बाद मलद्वार में तीव्र जलन हो तो यह देनी चाहिये ।