पुरानी प्लीहा या प्लीहा जनित शोथ रोग में यह पहले उपयोग होता था। सिर चकराना, सिर में शब्द होना, कान से कम सुनाई देना, बहरा होना, लिवर के रोग व शोथ, मलेरिया ज्वर के साथ पेट फूलना इत्यादि में यह उपयोग होता है।
रोगी का सिर चकराने के साथ मन की उदासी और सिर में अलग-अलग आवाज आने के लक्षण में Quercus glandium spiritus लाभ करता है।
रोगी के शराब पीने की इच्छा को यह औषधि खत्म करती है। Quercus glandium spiritus Q की 10-15 बून्द आधे कप पानी में डालकर 1-2 महीने तक सेवन करने से शराब से घृणा हो जाती है और शराब पीने की आदत छूट जाती है।
किसी भी तरह का सूजन और यकृत में खराबी को यह औषधि अच्छा करती है। जोड़ों में दर्द और मलेरिया के पुराने रोग को भी यह लाभदायक है।
सम्बन्ध – एंजेलिका भी शराब पीने की आदत को छुड़ाने में मदद करती है। इसलिए एंजेलिका की तुलना क्वैर्कस ग्लैंडियम स्पिरिटस से किया जाता है।
अंगों में शक्ति की कमी होना, पतले दस्त के कारण आये हुए कमजोरी में, सिर की नसों में दर्द जैसे लक्षण में एंजेलिका लाभ करता है। इसलिए एंजेलिका की तुलना क्वैर्कस ग्लैंडियम स्पिरिटस से किया जाता है।
प्लीहा के रोग में, प्लीहा में बढ़ जाने पर, उसमे दर्द होने पर सियानोथ, लैके, नैट्र. म्यूरिये, हेलिऐन्थस लाभ करता है। इसलिए क्वैर्कस ग्लैंडियम स्पिरिटस के लक्षण इन सभी दवाओं से मिलते हैं।
मात्रा – क्वैर्कस ग्लैंडियम स्पिरिटस मदर टिंचर की 10 से 15 बून्द की मात्रा को आधे कप पानी में डालकर दिन में 3 बार लेने से उपर्युक्त सभी लक्षण ठीक हो जाते हैं। शराब की आदत छुड़ाने के लिए इसका उपयोग अवश्य करें।
क्रम – Q की 10 बूंद की मात्रा में नित्य 3-4 बार सेवन करना चाहिए।