भगन्दर, मलद्वार के फटे घाव ( fissure of ano ), वहाँ दर्द और तकलीफ तथा स्तन की घुण्डी में घाव – इन तीन बीमारियों में यह ज्यादा फायदा करती है। अगर गर्भवती के दाँत में दर्द हो और जोर की हिचकी आती हो, तो वह भी इससे आराम हो जाती है।
भगन्दर – बदबूदार और पानी की तरह पतले दस्त, पाखाने के बाद, पहले और पाखाने के समय जलन, मलद्वार से रस निकलना, ठण्डा पानी प्रयोग करने पर तकलीफ का घटना, छोटी-छोटी कृमि प्रभृति रटानिया ( ratanhia ) के लक्षण हैं। इस रोग के लिए एसिड नाइट्रिक, इस्क्युलस और ग्रैफाइटिस भी उपयोगी दवा है।
हिचकी – जोर की हिचकी ( violent hiccough ) आने पर रटानिया से फायदा होता है।
रटानिया का मरहम मलद्वार में लगाने पर मलद्वार की बहुत तरह की बीमारियां आरोग्य हो जाती है। मसूढ़ा और नाक से अगर बराबर खून निकलता हो तो उसमे भी इससे फायदा होता है।
Anal Fissure – इसमें Ratanhia को 30 पोटेंसी में लें। Ratanhia बहुत ही अच्छी मेडिसिन है anal fissure के केस में। अगर लम्बे समय तक anal fissure है, अगर लम्बे समय से दर्द के साथ जलन है, अगर ऐसा महसूस हो कि किसी ने चाकू चला दिया है मलद्वार में तो ऐसे में Ratanhia बहुत अच्छा काम करती है। मलद्वार में ऐसे लक्षण मिलें तो आप Ratanhia 30 पोटेंसी की दो बून्द दिन में 3 बार लें, फायदा जरूर होगा।
सदृश – मलद्वार का स्नायुशूल – पियोनिया, क्रोटन ; बवासीर के रक्तस्राव में और बहुत अधिक जलन में – डलिकस।
क्रम – 3, 6, 30 शक्ति।