शरीर में कहीं भी सूजन हो जाय, पुरानी सूजन में, सर्दी-जुकाम या बहने वाले नजले में, सूजन के साथ बुखार आना, गले के सूजन जैसे टान्सिल बढ़ जाने में Reckeweg R1 बहुत ही उपयोगी मेडिसिन है। इसे Inflammation drops भी कहा जाता है। विशेष रूप से यह हर प्रकार के टांसिल और सूजन में, लाल बुखार में, कान में सूजन और प्रदाह, आँख आने में, और टान्सिल के साथ बुखार जैसा महसूस करने में उपयोगी दवा है।
Reckeweg R1 में उपस्थित उपयोगी तत्त्व
एपिस मेलिफिका ( Apis Mellifica ) : किसी अंग में भी शोथ, सूजन जैसे गुर्दा, आँख, गला आदि; शोथ दायीं से बायीं तरफ आती है तो बहुत उपयोगी मेडिसिन है।
Barium chloratum : बच्चों के पुरानी टान्सिल रोग, गले में सूजन, गला बैठा रहना साथ में गले से श्लेष्मा निकलने में उपयोगी है।
बेलाडोना ( Belladonna ) : सूजन तथा ज्वर में भयंकर उत्ताप, रक्तिमा तथा बेहद जलन में यह दवा उपयोगी है।
Calcium Jodatum : टान्सिल की पुरानी बीमारी, गले की सूजन के लिए उपयोगी दवा है।
हिपर सल्फर : जुकाम; आंख आना; कान पकना, शोथ, सड़े पनीर की-सी बू वाला मवाद निकलना, खट्टी बू आना, टांसिल, गोनोरिया आदि में, फोड़े को फोड़ने या सुखाने में उपयोगी दवा है।
काली बाइक्रोमिकम : किसी भी श्लैष्मिक-झिल्ली से चिपचिपा, पीला, लसदार स्राव निकलना, जीभ, मुँह तथा गले में आतशक के जख्म, सूजन में उपयोगी दवा है।
Marum verum : गिल्टी में, पुराने नजले में उपयोगी दवा है।
मर्क्यूरियस कौरोसाइवस ( Mercurius sublimatus corrosivus ) : सारा गला पक जाना, गले की गिल्टियां एक दम से सूज जाना में उपयोगी है।
फाइटोलैक्का ( Phytolacca ) : ग्लैंडस की उत्तम दवा, टांसिलों का पक जाना में विशेष उपयोगी है।
Reckeweg R1 Dosage
- तीव्र संक्रमण और बुखार में 10-15 बून्द आधे कप पानी में आधे-आधे घंटे पर दें।
- टान्सिल के सूजन, गले में दर्द जलन में 10-15 बून्द आधे कप पानी में दिन में तीन बार लें।
- For Chronic inflammations take 10-15 drops, 2-3 times a day .
- बच्चों के टांसिल, गले के प्रदाह, गिल्टियाँ के सूजन में 5-8 बून्द दिन में तीन बार दें।