चक्कर की होम्योपैथिक दवा
हम सभी ने कभी न कभी चक्कर आने को महसूस किया है, चक्कर आने पर हम गिर जाते हैं, बैठ जाते हैं या किसी चीज को पकड़ना पड़ जाता है। ऐसा महसूस होता है की हमारे चारों तरफ की चीजें घूम रही है या कभी ऐसा लगता है की हम ही घूमे जा रहे हैं। इसी अवस्था को चक्कर आना कहा जाता है।
चक्कर के लिए एक जर्मन होमियोपैथी मेडिसिन है जोकि बहुत ज्यादा उपयोगी है और इसे आप घर पे रखें। किसी को भी चक्कर आने पर इसे दिया जा सकता है। इस मेडिसिन का नाम है Reckeweg R29 जोकि Vertigo, Syncope Drops के नाम से भी आती है। यह चक्कर और बेहोशी की बहुत अच्छी दवा है। अगर चक्कर आने के बाद बेहोशी सी छा जाये तो इस मेडिसिन के उपयोग से चक्कर और बेहोशी दोनों ठीक हो जाता है। अगर आपको किसी भी कारण से चक्कर आये, चाहे वो सर्वाइकल हो या ब्रेन में कोई समस्या हो, कमजोरी हो या कोई भी अन्य कारण हो, आप इस मेडिसिन का उपयोग कर सकते हैं।
Reckeweg R29 में पाए जाने वाले तत्त्व
Argentum nitricum – चक्कर और सामान्य अस्थिरता, तंत्रिकाओं की कमजोरी के कारण चक्कर आ जाना, कानों में शोर की गूंज के कारण अचानक बेहोशी के लक्षण में उपयोगी है।
Cocculus – यह दवा हमारे दिमाग पे असर करती है। जब हम कार या ट्रेन से सफर करते हैं और इस दौरान मितली और चक्कर आते हैं, खाना खाते समय खाने के सुगंध से चक्कर आ जाए तो यह दवा अच्छा काम करती है।
Conium – यह चक्कर के लिए सबसे अच्छी मेडिसिन है। अगर सर्वाइकल के कारण चक्कर आए, कमजोरी के कारण चक्कर आ जाए, बुढ़ापे में थकावट के कारण चक्कर आए, ब्रेन में खून की कमी या अधिकता के कारण चक्कर आए तो यह मेडिसिन बहुत उत्तम रहता है।
Theridion curassavicum – अगर आँख बंद करते ही चक्कर आने लग जाए, सोने के लिए बेड पे लेटते ही चक्कर आने लगे, सूर्य की गर्मी से चक्कर आए तो यह दवा बहुत अच्छा काम करती है।
यह दवा 22 ML के बोतल में आती है। चक्कर आने की समस्या हो तो इस मेडिसिन की 15-20 बून्द को चौथाई कप पानी में डालकर दिन में 3 बार पीना है। याद रखें इस दवा को खाना खाने के एक घंटे पहले लिया करें। इसके रिजल्ट बहुत ही अच्छे हैं और इसका कोई भी साइड इफेक्ट नहीं है, तो निःसंकोच आप इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
Case Study On Vertigo
यह मामला एक महिला का जिसे 6 महीने से चक्कर आने की शिकायत थी। विशेषकर सुबह के समय उसे चक्कर आता है और उसे कम से कम आधे घंटे तक लेटे रहना पड़ता है।
शारीरिक लक्षण पूछने पर पता लगा कि प्यास कम है, दिन में केवल 2 गिलास पानी पीती है। उबले अंडे खाने की इच्छा रहती है। दूध से घृणा, मासिक धर्म में फ्लो ठीक नहीं होता, 1-2 थोड़ा हो कर समाप्त हो जाता है।
जबसे गांव से शहर में आई हूँ, यह समस्या हो गई है। चेहरा पीलापन लिए हुए, जीभ पर सफेद परत और सूखी है, जीभ में सूखापन है, यहाँ प्यास होनी चाहिए, परन्तु जीभ सूखी रहने पर भी प्यास कम है।
जो रुब्रिक सामने आया, उसपर विचार करते हैं :- मासिक धर्म: कम, प्यास न लगना, भोजन में उबले अंडे खाने की इच्छा , दूध से घृणा, ठंडा भोजन करना पसंद है।
सारे लक्षण Pulsatilla की ओर इशारा करते हैं। एक लक्षण मुंह खुश्क होने पर भी प्यास न होना यह विचित्र-लक्षण है। रोगी का मुंह खुश्क हो तो प्यास लगनी चाहिये, परन्तु इस औषधि में मुंह के खुश्क होने पर भी प्यास नहीं
यह लक्षण नक्स मौस्केटा में भी पाया जाता है, परन्तु उसमें मुंह में ही नहीं संपूर्ण शरीर में खुश्की पायी जाती है। मुंह इतना खुश्क होता है कि खुश्की के कारण भोजन गले के नीचे नहीं उतरता।
पल्सेटिला में इतनी प्रबल खुश्की तथा सब अंगों की खुश्की नहीं होती। Merc sol में मुंह तर रहता है परन्तु मुंह के तर रहने पर भी रोगी को बेहद प्यास लगती है।
ऐसे में मैंने Pulsatilla 200 की 2 बून्द उनके जीभ पर टपका दिया। 2 हफ्ते में रोगी ने बताया कि पहले 4 दिनों तक वर्टिगो थोड़ा बेहतर था, लेकिन फिर वापस आ गया।
मैंने Pulsatilla 200 की एक खुराक और दी। 10 दिन बाद उन्होंने बताया कि वर्टिगो वही है, इस दवा को लेने के बाद कोई बदलाव नहीं।
Pulsatilla उच्च शक्ति देने से पहले मैंने उन सभी लक्षणों में से एक की पुष्टि करने के बारे में सोचा जो रेपर्टोराइजेशन में छूट गया था। यानी, शहर में आने से होने वाली बीमारियाँ। यह लक्षण Pulsatilla में है।
ऐसे में मैंने Pulsatilla 1M की 1 खुराक रोगी को दिया और चक्कर आने की समस्या पूरी तरह से ठीक हो गई।