इस पोस्ट में हम Reckeweg R4 के उपयोग और लाभ के बारे में जानेंगे। इस मेडिसिन का उपयोग सभी तरह के नए और पुराने पेट के रोगों में इस्तेमाल किया जाता है। गलत खान-पान के कारण या सर्दी लग जाने के कारण उत्पन्न दस्त में, खूनी दस्त (आंव) , बुखार लगकर होने वाले दस्त, पेचिश, अतिसार, पेट में इन्फेक्शन के कारण होने वाले दस्त में यह बहुत अच्छा काम करती है। इस मेडिसिन को Diarrhoea Drops के नाम से भी जाना जाता है।
Reckeweg R4 में पाए जाने वाले तत्त्व : Acidum phosphoricum D 3,Baptisia D 4, Chamomilla D 4, Chininum arsenicosum D 3,
Colocynthis D 6,Ferrum phosphoricum D 8, Mercurius sublimatus corrosivus D5, Oleander D 6, Rhus toxicodendron D 4, Veratrum album D 6 ।
डायरिया के लिए Reckeweg R4 में सभी मेडिसिन का कॉम्बिनेशन बहुत ही अच्छी तरह बनाया गया है। लूज मोशन, पेचिश, आंव पर ये मेडिसिन बहुत अच्छा काम करती है। इसके साथ नए और पुराने डायरिया, पेट में मरोड़ उठना, पेट में मरोड़ उठकर दस्त लगना, पेट में इन्फेक्शन के कारण दस्त लगना, दूसरे स्टेज के टाइफाइड में जिसमे रोगी को बार-बार दस्त होता हो तो इन सभी तरह के केस में Reckeweg R4 बहुत ज्यादा असरदार रहती है।
रेकवेग R4 में मिलाये गए हर दवा का अपना एक विशेष उद्देश्य है और इसके बारे में समझने की आवश्यकता भी है, तो आइये समझते हैं :-
Acidum phosphoricum – यह बहुत ही अच्छी मेडिसिन है जब रोगी टाइफाइड के बीमारी से पीड़ित हो, एक्यूट या क्रोनिक डायरिया हो, नींद नहीं आता हो तो ये दवा अच्छा काम करती है।
Baptisia – जब रोगी को दस्त हो रहा हो, बुखार हो, हल्का सिर दर्द रहे, इसमें रोगी के जीभ पे brown रंग की लेप चढ़ी रहती है, रोगी के अंग में अगर सूजन आ जाए तो ऐसे केस में यह दवा बहुत अच्छा काम करती है।
Chamomilla – इसमें रोगी को ठण्ड लग कर दस्त हो जाते हैं, और दस्त का रंग पीला या हरा होता है। ऐसे में यह दवा अच्छा काम करती है।
Chininum arsenicosum – बैक्टीरिया इन्फेक्शन के कारण होने वाले दस्त में, बुखार में, सुस्ती में यह मेडिसिन का प्रयोग किया जाता है।
Colocynthis – पेट में मरोड़ होना और मरोड़ के साथ दस्त आना, पेट में दर्द और ऐंठन में इस मेडिसिन का इस्तेमाल किया जाता है।
Ferrum phosphoricum – रोगी को बुखार होना, पनीला दस्त आना और रोगी का बहुत कमजोर हो जाना इत्यादि के केस में यह मेडिसिन का प्रयोग उत्तम रहता है।
Mercurius sublimatus corrosivus – इसमें दस्त के साथ आने वाले ब्लड में, पेट में मरोड़ हो कर होने वाले दस्त में प्रयोग किया जाता है।
Oleander – रोगी को बहुत ज्यादा दस्त होती है, दस्त के दौरान आवाज़ें भी निकलती हैं, पेट में बहुत ज्यादा वायु भरी होती है, ऐसे में यह मेडिसिन अच्छा काम करती है।
Rhus toxicodendron – कहीं से भींग कर आने के बाद अगर दस्त शुरू हो जाए तो यह मेडिसिन बहुत लाभ करता है।
Veratrum album – गर्मी के दिनों में होने वाले पनीले दस्त और उल्टी होने के समय यह दवा सबसे अच्छा काम करती है।
ये सारी मेडिसिन Reckeweg R4 में मिली हुई है जोकि डायरिया के लिए बहुत ही खास मेडिसिन के रूप में उपलब्ध है।
रेकवेग R4 की लेने की विधि और मात्रा
( Doses of Reckeweg R4 )
अगर डायरिया या दस्त लगता शुरू ही हुआ है तो इस दवा की 10-15 बून्द आधे कप पानी में एक घंटे के अंतराल से दें जबतक कि रोगी को आराम न मिल जाए। आराम मिलने के बाद हर 2 से 3 दिन तक इस दवा की 10-15 बून्द आधे कप पानी दिन में 3 बार दें। रोग पूरी तरह ठीक हो जायेगा।