दस्त – चावल बनाने के पश्चात् इसका उबला हुआ पानी, जिसे माँड कहते हैं, फैंक देते हैं। यह दस्तों के लिए लाभदायक है। बच्चों को आधा कप, बड़ों को एक कप प्रति घण्टे पिलाने से दस्त बन्द हो जाते हैं। छोटे शिशुओं को अल्प-मात्रा में पिला सकते हैं। इस माँड में जरा-सा नमक स्वाद के अनुसार मिलाने से माँड स्वादिष्ट, पौष्टिक और सुपाच्य हो जाता है। नमक मिलाकर दस्तों में भी पी सकते हैं। माँड को छ: घण्टे से अधिक पड़ा न रखें। इससे अधिक समय तक रखने से यह बदबू देने लगता है। माँड बनाने की सरल, सस्ती विधि यह है कि सौ ग्राम चावल आटे की तरह पीस लें। इसे एक लीटर पानी में उबालें। भली प्रकार उबालने के पश्चात् इसे छानकर स्वादानुसार नमक मिला लें। इसे ऊपर बताए ढंग से पियें। दस्तों में भी इसे लाभकारी पायेंगे।
गर्मीनाशक – चावल की प्रकृति शीतल है। पेट में गर्मी भरी होने पर एवं गर्मी के मौसम में नित्य चावल खाने से ठण्डक मिलती है। पेट की गर्मी दूर करने हेतु एक भाग चावल, दो भाग मूंग की दाल मिलाकर खिचड़ी बनाकर घी डालकर खायें।
पेचिश, रक्त प्रदर – एक गिलास चावल के धोवन या आधा कप माण्ड में मिश्री मिलाकर पीने से लाभ होता है।
पेशाब में जलन, रुकावट हो तो आधा गिलास चावल के माँड में चीनी मिलाकर पिलायें, जलन और रुकावट दूर हो जायेगी।
चावल अतिसार या पेचिश के रोगियों के लिए उत्तम खाद्य पदार्थ है। सफेद चावलों को पानी में भिगोकर उस पानी से चेहरे को धोने से चेहरे की झाँइयाँ मिटकर रंग साफ हो जाता है।
हानिकारक – जिन लोगों के गुर्दे और मसाने में पथरी का रोग हो उनके लिए चावल बहुत हानिकारक पदार्थ है।
गर्भावस्था की कै – 50 ग्राम चावल 250 ग्राम पानी में भिगो दें। आधे घण्टे भीगने के बाद 5 ग्राम धनिया भी डाल दें। 10 मिनट बाद मसलकर छान लें। चार बार में इसे चार हिस्से करके पिलायें। गर्भिणी की कै तत्काल बन्द हो जायेगी।
भाँग का नशा चावलों की धोवन पीने से उतर जाता है।
कब्ज़ – एक भाग चावल दो भाग मूंग की खिचड़ी में घी मिलाकर खाने से कब्ज़ दूर हो जाती है।
फोड़ा – पिसे हुए चावलों की पुल्टिस सरसों के तेल में बनाकर बाँधने से फोड़ा फूट जाता है एवं पीव (Pus) निकल जाती है।
कोलेस्ट्रॉल – लम्बे समय तक चावल खाते रहने से कोलेस्ट्रॉल कम हो जाता है, बढ़ता नहीं है। रक्तचाप भी ठीक रहता है।
यकृत – सूर्योदय से पहले उठकर मुँह साफ करके एक चुटकी कच्चे चावल मुँह में रखकर पानी से निगल जायें। यह क्रिया यकृत को मजबूत करने के लिए बड़ी अच्छी है। जिन लोगों ने इस प्रकार चावल लिए हैं उन्हें लाभ हुआ है।
श्वेत प्रदर – आधा कप चावल के ताजा माण्ड में स्वादानुसार नमक, भुना-पिसा जीरा मिलाकर नित्य सात दिन पीने से सफेद पानी आना बन्द हो जाता है।
पुत्र प्राप्ति – मासिक धर्म बन्द होने के बाद स्त्री तीन दिन तक नित्य शाम को 5 बजे दो मुट्ठी चावल एक गिलास पानी में भिगो दें। रात्रि को इन चावलों को मसलकर चावलों की धोवन का पानी एक गिलास में भर लें। इसमें एक नीबू निचोड़ें और पियें। इसके बाद स्त्री स्वयं उत्साह से नित्य तीन दिन पति से सहवास करे। हर महीने मासिक धर्म के बाद यह प्रयोग करती रहे। जब भी गर्भाधान होगा तो पुत्र का जन्म होगा। स्त्री जब तक गर्भवती नहीं हो, सहवास करते समय इसी प्रकार चावल लें।