[ ताजे पत्ते और फूल से मूल अर्क तैयार होता है ] – यह दमा, बच्चों का गला घड़घड़ाना और सर्दी-खांसी की एक बढ़िया दवा है।
दमा और खांसी – रात के समय रोग का बढ़ना, अच्छी तरह सोय-सोय एकाएक बेहोशी आ जाना, बच्चा खांसते-खांसते मानो लोट पड़ता है। साँस रुक जाना चाहती है, साँस लेने के लिए घबराता है। ऐसा मालूम होता है, मानो अभी मर जायेगा। कुछ देर तक इस तरह करने के बाद फिर सो जाता है और फिर कुछ देर बाद उसी तरह की तकलीफ देने वाली खांसी आने लगती है। दमा का खिंचाव और खुसखुसी खांसी में इसकी 30 शक्ति दो-चार दिन तक उपयोग करने पर बीमारी दब जाएगी। बच्चों की नाक चिपक जाती है, इसीलिए सांस लेने छोड़ने और स्तन-दुग्ध खींचने में तकलीफ होती है। सर्दी में नाक बन्द होकर मुंह से सांस लेने छोड़ने का लक्षण – एमोन कार्ब की तरह सैम्बुकस में भी है। दमा के तेज खिंचाव के लिए एकोनाइट नैप 2x ; कैनाबिस इण्डिका Q, लोबेलिया Q, ब्लैटा ओरिएन्ट Q, एरालिया Q ये ही पांच श्रेष्ठ दवाएँ हैं।
कण्ठ की नली – मुख की अकड़न – इस बीमारी में अचानक दम रुक जाने का भाव इत्यादि उपसर्ग आधी रात के बाद और तकिये से सिर उतारते ही बढ़ जाता है ; हूपिंग खांसी की तरह आक्षेपिक खांसी, यह आधी रात के बाद और सिर नीचा कर सोते ही बढ़ती है।
पसीना – नींद खुलते ही पसीना, नींद के समय शरीर सूखा, इस लक्षण में सैम्बुकस का ही प्रयोग होता है। थूजा में नींद आते ही पसीना और जागने पर शरीर पहले की तरह सूख जाता ; कोनियम में दोनों आँखें बन्द करते ही पसीना आने लगता है। किसी बीमारी में पसीने का सिर्फ यही लक्षण देखकर दवा का प्रयोग करने से कितनी ही जटिल रोग भी तुरंत ठीक हो जाता है।
शोथ – मसाने के नए प्रदाह से पैदा हुआ बार-बार पेशाब का वेग होने के साथ बहुत ज्यादा परिमाण में पेशाब होता है और पेशाब में बहुत गाढ़ी तली जमती है।