पेचिश – भूनी हुई सौंफ और मिश्री समान मात्रा में पीसकर हर दो घण्टे से छ: बार दो-दो चम्मच की ठण्डे पानी के साथ फंकी लेने से मरोड़दार दस्त, अाँव और पेचिश में लाभ होता है।
आँव – (1) सौंफ का तेल 5 बूंद, आधा चम्मच चीनी पर डालकर नित्य चार बार लेने से आँव बन्द हो जाती है। (2) 100 ग्राम सौंफ को सेंककर पीस लें। इसमें इतनी ही पिसी हुई मिश्री मिलायें। खाने के बाद इसकी दो-दो चम्मच सुबह-शाम ठण्डे पानी के साथ फंकी लें। आँव आना बन्द हो जायेगा।
दस्त – (1) यदि मरोड़ देकर तथा थोड़ा-थोड़ा मल आता हो तो 3 ग्राम कच्ची और 3 ग्राम भुनी सौंफ मिश्री के साथ मिलाकर लें। (2) सौंफ आधी पकी, आधी कच्ची सेंककर शक्कर समान मात्रा में मिलाकर पीस लें। यह दो चम्मच आधा चम्मच घी मिलाकर नित्य चार बार खायें। दस्तों में लाभ होगा। सौंफ और बेलगिरी समान मात्रा में मिलाकर फंकी लेने से भी दस्तों में लाभ होता है।
250 ग्राम मोटी सौंफ लेकर आधी को सेंकें, आधी कच्ची रखें। दोनों को पीस लें। इसमें 250 ग्राम मिश्री पीसकर मिला लें। इसकी 2-2 चम्मच नित्य तीन बार पानी के साथ फंकी लेने से एमोबायेसिस, पतले दस्त, दस्त में आँव आना, कोलाइटिस आदि रोगों में लाभ होता है।
4 चम्मच सौंफ तथा 1 चम्मच जीरा – इन दोनों को सेंक लें। नित्य खाना खाने के बाद 2 चम्मच खाकर पानी पियें। इससे खाने के बाद होने वाले दस्त बन्द हो जायेंगे।
पुराने दस्त – (1) यदि नित्य पाँच, छः बार दस्त आते हों तो सौंफ, जीरा, धनिया समान मात्रा में सेंक लें। समान मात्रा में ही सोंठ और बेलगिरी (पंसारी के मिलता है) मिलाकर पीस लें। इसकी एक-एक चम्मच तीन बार ठण्डे पानी या छाछ से फंकी लें। (2) पुराने दस्तों में नित्य एक चम्मच सौंफ सुबह-शाम भोजन से पहले खायें।
छोटे बच्चों को दस्त होने पर दूध में दो चम्मच सौंफ डालकर उबाल कर रख लें। यह दूध पिलाने से दस्त बन्द हो जाते हैं।
छोटे बच्चों को पतले दस्त, पेचिश में 6 ग्राम सौंफ, 82 ग्राम पानी में उबालें। जब पानी आधा रह जाए तब उसमें एक ग्राम काला नमक डाल दें। बच्चों को 12 ग्राम पानी दिन में तीन बार पिलाने से बहुत लाभ होता है।
सरलता से दाँत निकलना – दाँत निकलते समय यदि बच्चा रोता हो तो गाय के दूध में मोटी सौंफ उबालकर, छानकर बोतल में भर लें तथा एक-एक चम्मच चार बार पिलायें। इससे दाँत सरलता से निकल आयेंगे।
बच्चों को अपच हो तो एक चम्मच सौंफ एक कप पानी में उबालकर, छानकर यह पानी बार-बार पिलायें। इसे दूध में मिलाकर भी पिला सकते हैं।
बच्चों का पेट फूलना – रात को एक चम्मच सौंफ आधा कप पानी में भिगो दें। प्रात: सौंफ को मसलकर छान लें। इस पानी को दूध में मिलाकर पिलाने से बच्चों का पेट फूलना, गैस भरना, पेट दर्द ठीक हो जाता है।
खुजली – सौंफ और धनिया समान मात्रा में पीस लें। इसमें डेढ़ गुना घी और दुगुनी चीनी मिलाकर रखें। सुबह-शाम 30-30 ग्राम खायें। हर प्रकार की खुजली में लाभ होता है।
चक्कर – सौंफ और मिश्री समान मात्रा में पीसकर दो-दो चम्मच नित्य तीन बार खायें।
नेत्रज्योति – (1) भोजन के बाद एक चम्मच सौंफ खाने से पाचन और नेत्रज्योति बढ़ती है तथा पेशाब खुलकर आता है। सौंफ पीस लें। रात को सोते समय आधा चम्मच सौंफ एक चम्मच शक्कर मिलाकर दूध से फंकी लें। नेत्रज्योति बढ़ेगी। (2) 100 ग्राम सौंफ को कूटकर छिलका उतारकर समान मात्रा में धनिया, मिश्री एवं दस इलायची मिलाकर पीस लें। इसकी दो-दो चम्मच सुबह-शाम गर्म दूध से फंकी लें। नेत्रज्योति बढ़ेगी। इसके नियमित सेवन से मोतियाबिन्द बढ़ना रुक जाता है। मोतियाबिन्द (cataract)-मोटी सौंफ, धनिया और बूरा समान मात्रा में पीसकर 2-2 चम्मच नित्य दो बार पानी के साथ फंकी लेने से मोतियाबिन्द का बढ़ना रुक जाता है |
अाँखों की ललाई – समान मात्रा में सौंफ और सूखा अाँवला पानी डालकर पीस लें। इसे गर्म करके सहन करने योग्य गर्म रहने पर अाँखें बन्द करके पलकों का सेंक करें तथा अन्त में लेप करें। इससे आँखों की ललाई दूर हो जाती है।
आई फ्लू – सौंफ खाने अथवा रात्रि को एक कप पानी में थोड़ी सौंफ भिगोकर सुबह उसका पानी पीने से आई फ्लू जल्दी ठीक हो जाता है। ‘आई फ्लू’ के रोगी को कुछ दिन टेलीविजन नहीं देखना चाहिए और न ही ऐसा काम करना चाहिए जिससे अाँखों पर जोर पड़े।
गर्मी की फुंसियाँ – चार चम्मच सौंफ और इतनी ही मिश्री पीसकर पानी में घोलकर नित्य पीने या फंकी लेने से गर्मी के मौसम में होने वाली फुंसियों में लाभ होता है।