इस पोस्ट में पेशाब के तलछट में रेत जमने, पेशाब में आग्जेलेट, फास्फेट अथवा यूरेटस की मात्रा अधिक होने का होम्योपैथिक इलाज बताया गया है।
लाइकोपोडियम 30 – गुर्दे के दर्द में अथवा बिना दर्द के भी पेशाब में लाल रेतकण जैसी तलछट जमने के लक्षण में हितकर है ।
सिपिया 30 – मस्तिष्कावरण के शोथ में पेशाब में ईंट के चूरे जैसा लाल रंग का पाउडर अथवा पीली लेई जैसे तलछट के जमने में लाभकारी है ।
ग्रैफाइटिस 3 – दमा रोग में पेशाब में ईंट के चूरे जैसी तलछट जमने के लक्षण में हितकर हैं ।
टैरेण्टुला हिस्पैनिया 6, 30 – हाथ-पाँव के पक्षाघात के साथ पेशाब में ईंट के चूरे जैसी तलछट के जमने में लाभकारी है ।
कास्टिकम 3 – वायुनली की सूजन में पेशाब में ईंट के चूरे जैसी तलछट जमने में प्रयोग करें ।
एपिस 30 – कॉफी के चूरे जैसी तलछट जमने में लाभ करती है।
सार्सापैरिल्ला 6 – पेशाब में सफेद रेत जैसी तलछट जमने में लाभकारी है ।
सेलेनियम 6, 30 – यह सफेद जैसी तलछट जमने में प्रयुक्त की जाती है ।
कैन्थरिस 6, 30 – पेशाब में ईंट के चूरे जैसी अथवा सीमेण्ट जैसी तलछट जमने में हितकर है ।
फास्फोरस 6, 30 – पेशाब में लाल तथा भूरे रंग की तलछट जमने में लाभ करती है । इस औषध का रोगी स्नायु प्रधान होता है।
(1) ऑग्जलेट की मात्रा अधिक होने पर – कास्टिकम 30, आग्जेलेट एसिड 30, टेरिबिन्थिना 3 – इनमें से किसी भी एक औषध का लक्षणानुसार प्रयोग करना चाहिए ।
(2) फास्फेट की मात्रा अधिक होने पर – एसिड फॉस 1,रेफेनस 3, 30, मैग फॉस 6x – इनमें से किसी भी एक औषध का लक्षणानुसार प्रयोग करना चाहिए ।
(3) यूरेटस की मात्रा अधिक होने पर – नेट्रम-सल्फ 6x, पल्सेटिला 30, सीपिया 30 – इनमें से किसी भी एक औषध का लक्षणानुसार प्रयोग करना चाहिए ।