सेंसा रॉयल कैप्सूल एक प्रोप्राइटरी दवा है जो पुरषों के लिए वाजीकारक है। इस दवा के इस्तमाल से धातु की कमी दूर होती है। साथ ही शरीर हिष्ट-पुष्ट भी बनता है। यह दवा एक या दो महीने तक इरेक्टाइल डिस्फंक्शन में भी ली जा सकती है।
इरेक्टाइल डिस्फंक्शन या स्तंभन दोष और नपुंसकता संभोग के दौरान शिश्न के उत्तेजित न होने या उसे बनाए न रख पाने के कारण पैदा हुई निष्क्रियता की स्थिति में होता है। कभी-कभी होने वाले स्तंभन दोष से कोई बड़ी समस्या नहीं होती है लेकिन अगर पुरुष उत्तेजित है पर फिर भी कभी इरेक्शन नहीं हो रहा है तो ये एक बड़ी समस्या है जो व्यक्ति की लाइफ क़्वालिटी को प्रभावित करती है।
व्यक्ति को इरेक्टाइल डिस्फंक्शन होने पर उसके सही कारणों को जानने का प्रयास करना चाहिए। कई बार इस बीमारी के होने का कारण डायबिटीज़, हृदय रोग, पेनिस पर लगी गंभीर चोट या फिर ब्लड सर्कुलेशन में आ रही दिक्कत भी हो सकती है, हो सकता है कि व्यक्ति के शरीर में टेस्टेस्टेरोन की मात्रा कम हो या फिर वो मानसिक और भावनात्मक रूप से तैयार न हो। यदि इन सबको देखते हुए सही कारणों का पता लगा लिया जाए तो इस समस्या को ठीक किया जा सकता है।
इस पेज के माध्यम से दवा के बारे में जो जानकारियां दी गई हैं वो जड़ी बूटियों के आधार और विश्लेषण करने के बाद ही दी गयी हैं। हम इस प्रोडक्ट का निजी फ़ायदे के लिए प्रचार नहीं कर रहे हैं। हम यह भी दावा नहीं करते हैं कि यह दवा आपका रोग एकदम ठीक कर देगी। यह दवा आपके लिए फायदेमंद हो भी सकती है और नहीं भी। इस दवा के बारे में जो लाभ बताये गए हैं वो दवा के फार्मूलेशन और ये मानते हुए कि सभी घटक अच्छे क्वालिटी के हैं, के आधार पर बताए गए हैं। बाजार में इसी फॉर्मूले की अन्य फार्मेसियों द्वारा बनाई गई दवाएं मौजूद हैं। इस पेज पर जो जानकारियां दी गयी हैं उसका एकमात्र उद्देश्य दवा के बारे में बताना है। स्वयं उपचार करने से पहले अच्छे चिकित्सक से परामर्श अवश्य करें। हमारा उद्देश्य दवा की क्षमता के अनुसार आपको जानकारी देना है ।
दवा का नाम : सेंसा रॉयल कैप्सूल
निर्माता : Vilco Laboratories Pvt. Ltd.
उपलब्धता : यह ऑनलाइन वेबसाइट और दवा के दुकान में उपलब्ध है।
दवाई का प्रकार : हर्बल और मिनरल युक्त / हर्ब और शुद्ध परद, शुद्ध गंधक युक्त।
मुख्य उपयोग : इरेक्टाइल डिस्फंक्शन
मूल्य : 10 (units) @ Rs 199
मकरध्वज : 10 mg
शुद्ध शिलाजीत : 35 mg
सुवर्ण बंग : 10 mg
कौंच बीज : 625 mg
अश्वगंधा : 400 mg
विदारी कंद : 175 mg
मलेठी : 120 mg
गोखरू : 100 mg
जायफल : 150 mg
मखाना : 350 mg
तालमखाना : 350 mg
सफेद मूसली : 150 mg
शालमाली : 150 mg
कौंच बीज : 625 mg
कौंच या फिर केवांच बीज एक प्रकार से Mucuna pruriens की गिरी है। यह गिरी बहुत ही प्रभावशाली दवा है जिसका उपयोग हज़ारों वर्षों से मेल में प्रजनन शक्ति में सुधार करने के लिए किया जाता है साथ ही यह हाइपोथेलेमस पर काम करता है। इसके सेवन से सीरम टेस्टेस्टेरोन, लुटिनइजिंग हार्मोन, डोपामाइन, एड्रनलाईन में भी सुधार होता है। यह दवा शुक्राणुओं को बढ़ता है और गतिशीलता में भी अच्छा सुधार करता है। यह दवा टेस्टेस्टेरोन के लेवल, नशों की कमजोरी, मानसिक तनाव को भी कम करती है।
अश्वगंधा – 400 mg
- अश्वगंधा के जड़ में कई तरह के एल्कलॉइड पाए जाते हैं, जैसे सोमनाइन, सॅमनिफोरिन, विथानानाइन, विथानिन इत्यादि। अश्वगंधा के जड़ में फ्री एमिनो एसिड भी पाए जाते हैं जैसे कि ग्लूटामिक एसिड सिस्टीन, प्रोलइन, ट्रिप्टोफन, ग्लाइसिन, टायरोसीन शामिल एलेनाइन इत्यादि।
- विथानिन में शामक और नींद दिलाने वाले गुण पाए जाते हैं।
- विथफेरिन एक anti tumour, anti arthritic और antibacterial है।
- अश्वगंधा स्वाद में कसौल-कड़वा और मीठा होता है। यह hot in potency होता है। इसका सेवन कफ को कम करता है लेकिन इसे अधिक मात्रा में लेने से शरीर में पित्त की मात्रा बढ़ जाती है। इसका असर पूरे शरीर में देखने को मिलता है। यह मेधावर्धक, स्मृतिवर्धक और धातुवर्धक होता है। साथ ही यह दवा बुढ़ापे को भी दूर करने में भी सहायता करती है।
- अश्वगंधा की जड़ को हम इंडियन जिन्सेंग से भी जानते हैं। बता दें कि ये पुरुष प्रजनन अंगों पर अधिक प्रभाव डालती है। साथ ही यौन शक्ति को बढ़ाने के लिए भी प्रयोग की जाती है। यह दवा मानसिक विकारों के लिए भी अच्छी मानी जाती है।
मकरध्वज – 10 mg
मकरध्वज का उपयोग शीघ्रपतन, स्तंभन दोष, इरेक्टाइल डिस्फंक्शन और अन्य बीमारों के उपचार के लिये किया जाता है। यह एक inorganic पदार्थ है। साथ ही साथ Sulphide of mercury और Gold का संयोजक भी है। इसे आयुर्वेद में बताए गए नए तरीकों से बनाया जाता है। इसके उपयोग से शरीर और दिमाग को ताकत मिलता है।
सफ़ेद मूसली- 10 mg
सफ़ेद मूसली में कई तरह के लाभदायक गुण होते हैं। जैसे की रसायन, जीवनीय, वाजीकारक, शुक्ल, ओजवर्धक, पित्तशामक, और स्तन्य। बता दें कि इसके सेवन से शरीर में सूजन कम होती है। कई तरह के गुणों के कारण यह वीर्य को न सिर्फ गाढ़ा बनाती है, साथ ही साथ शीघ्रपतन, बांझपन, नपुंसकता, और कम स्पर्म काउंट में भी लाभप्रद होती है। यह एक पौष्टिक टॉनिक है जो वजन को बढ़ाने में सहायता करती है। इसके सेवन से शरीर में ठंडक आती है जिसकी वजह से पेशाब की जलन, पेट की जलन, अधिक पित्त की समस्या पेशाब की बदबू में फायदा होता है। यह रक्त और वीर्यवर्धक भी होता है।
बाजीकरण – द्रव्य जो रति शक्ति को बढ़ाए।
शुक्रकर – द्रव्य जो शुक्र का पोषण करे।
वृष्य – द्रव्य जो वाजीकारक, वीर्यवर्धक, और बलकारक हो।
शोथहर – द्रव्य जो शरीर में सूजन को दूर करे।
रसायन – द्रव्य जो शरीर की बीमारियों को दूर करे।
सेंसा रॉयल कैप्सूल के लाभ
- यह एक सेक्सुअल टॉनिक है।
- यह दवा प्रजनन अंगों को सही प्रकार से काम करने में मदद करती है।
- यह दवा इरेक्टाइल डिस्फंक्शन आदि को दूर करती है।
- यह दवा नशों को ताकत देती है।
- यह दवा यौन दुर्बलता को दूर करने में सहायक होता है।
- यह दवा वीर्य और शुक्राणु की मात्रा को बढ़ाती है।
सेंसा रॉयल कैप्सूल के चिकित्सीय उपयोग
आयुर्वेद की मुख्य आठ शाखाएं हैं। इनमें से वाजीकरण यौन-क्रियाओं की पढ़ाई तथा प्रजनन चिकित्सा से संबंधित है। वाजीकरण के लिए उत्तम वाजीकारक वनस्पतियों और खनिजों का इस्तमाल किया जाता है जो कि स्वास्थ्य को सही करती है और जननांगों पर विशेष प्रभाव डालती है। आयुर्वेद में प्रयोग किए जाने वाले उत्तम वाजीकरण द्रव्यों में शामिल है मूसली, अश्वगंधा शतावरी, गोखुरु, कौंच, शिलाजीत, विदारीकंद इत्यादि। यह द्रव्य न केवल कामोत्तेजक होता है, साथ ही साथ धातुवर्द्धक, वीर्यवर्धक, शक्तिवर्धक और बलवर्धक भी होता है।
- कम एनर्जी, कम कामेच्छा
- यौन कमजोरी के लिए
- वाजीकरण
- वीर्य दोष
- पुरुषों में यौन स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए
- शारीरिक कमजोरी, स्ट्रेस
- स्तंभन दोष
- शीघ्रपतन या प्रीमैच्योर इजैकुलेशन
- शुक्र कीटों को बढ़ाना
- स्वप्न दोष
- लिबिडो कम होना
शीघ्रपतन या यूं कहें कि एजाकुलेशन वह स्थिति है जिसमें यौनि पेनेट्रेशन के एक मिनट के भीतर ही स्खलन हो जाता है। जब यह अधिक बढ़ जाती है तो शीघ्रपतन की समस्या हो जाती है। इस यौन समस्या में स्खलन पर नियंत्रण की कमी रहती है जिसकी वजह से यौन संतुष्टि का अभाव रहता है और दंपतियों में यौन की कमी और संतुष्टि नहीं मिल पाती।
इरेक्टाइल डिस्फंक्शन वो स्थिति है जब संभोग करने के समय लिंग में उत्तेजना नहीं होता और कभी-कभी बिना उत्तेजित हुए वीर्य निकल जाता है।
बात दें कि नपुंसकता या नामर्दी में पुरूष सेक्स करने में असफल रहता है। यह स्तिथि शारीरिक भी हो सकती है और मानसिक भी। शारीरिक नापुंसकता के कई अन्य कारण भी हो सकते हैं जैसे की ब्लड सप्लाई की कमी, नशों की सुचारु रूप से काम न करने से या हार्मोनल असंतुलन से। आपको यह भी बता दें कि मानसिक नपुंसकता चिंता अथवा भय के कारण भी हो सकता है। इसमें मास्टरबेशन के दौरान लिंग में उत्तेजना तो आती है, लेकिन सेक्स के दौरान नहीं आती।
सेंसा रॉयल कैप्सूल का सेवन विधि और मात्रा
- 1 कैप्सूल, सुबह और शाम, दिन में दो बार लें।
- इसे दूध अथवा पानी के साथ लें।
- ध्यान रहे कि इसे भोजन करने के बाद ही लें।
- इसे डॉक्टर द्वारा निर्देशित में लें।
सेंसा रॉयल कैप्सूल में सावधानियां
- उम्र और ताकत को देखते हुए तथा विशेषज्ञ की सलाह के बाद ही इस दवा का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
- इसका इस्तेमाल चिकित्सक की सलाह पर एक से दो महीनों तक किया जा सकता है।
- इस दवा को लिमिटिड समय तक के लिए ही लें।
- इस दवा को चिकित्सक के सुझाव पर ही लें।
- इसे ज्यादा मात्रा में कभी न लें।
- इस बात का हमेशा ध्यान रखें की जिन दवाओं में पारद, गंधक, खनिज इत्यादि होते हैं, उन दवाओं का उपयोग लंबे समय तक नहीं किया जा सकता। इसे डॉक्टर के देख रेख और बताए गए अवधि तक ही लेना उचित है।
सेंसा रॉयल कैप्सूल का साइड इफेक्ट्स
- निर्धारित खुराक लेने से इस दवा से कोई हानि नहीं है।
- अधिक मात्रा में सेवन करने से पेट में जलन हो सकती है।
सेंसा रॉयल कैप्सूल का कब प्रयोग न करें
•यदि इस दवा से शरीर में किसी भी तरह का एलर्जी हो तो यह दवा न लें।
भंडारण निर्देश
- सूखी जगहों पर स्टोर करें।
- इसे बच्चों की पहुँच से दूर रखें।