यदि किसी व्यक्ति को सौंप काट ले तो साँप के काटते ही तुरन्त कटी हुई जगह से कुछ ऊपर रस्सी से खूब कसकर वन्ध बाँध देना चाहिये । इस काटे हुए स्थान पर किसी तेज चाकू या धारदार हथियार से + का निशान लगाकर चीर देना चाहिये और चारों तरफ से कसकर दाब-दाबकर खून निकाल देना चाहिये ताकि खून के साथ साँप का जहर भी बाहर निकल जाये । इसके बाद पोटाशियम परमैंगनेट को लगभग एक ग्रेन की मात्रा में लेकर जरा-से पानी में घोलकर दंशित स्थान पर लगा दें और उस स्थान को धीरे-धीरे भलीभाँति धिसें । कुछ देर तक घिसने के बाद वह स्थान काला पड़ जायेगा। तब उस स्थान पर किसी स्वच्छ या मुलायम वस्त्र को रखकर बाँध दें । फिर ऊपर वर्णित रस्सी के तीनों बन्ध खोल दें । अगर यह उपचार तत्काल किया जाये तो साँप का विष प्रभावहीन हो जायेगा ।
अगर उक्त उपचार करने में कुछ देर हो जाये तो इस उपचार को करने के साथ-साथ रोगी को तुरन्त किसी योग्य डॉक्टर के पास ले जायें ।
यदि साँप द्वारा काटे गये व्यक्ति को वमन करानी हो तो उसे इपिकाक विचूर्ण 25-30 ग्रेन की मात्रा में खिला देना चाहिये- इससे वमन हो जायेगी। व्यक्ति को बीच-बीच में आर्सेनिक 3 का सेवन भी कराना चाहिये ।
साँप द्वारा काटने के पश्चात् व्यक्ति को कम से कम चौबीस घंटे तक सोने नहीं देना चाहिये ।