जबरदस्त सिर-दर्द, कंधे के पास गर्दन में कड़ापन और दर्द, जरा सा छूते ही फिर बढ़ जाना, सारे शरीर में धनुष्टंकार की तरह कड़ापन और कम्पन, बेहोशी और कराहने के साथ दौरा होना। योनि के प्रुराइटिस अथवा उसी प्रकार के किसी रोग में उपयोग होता है।
निम्नलिखित लक्षणो के आधार पर सोलेनम नाइग्रम का उपयोग करना चाहिए :-
- रोगी के सिर में बहुत तेज दर्द रहता है, थोड़ा सा सिर घूमाने से चक्कर आ जाता है। अंधेरे मे जाने से डरना, सिर में रक्त का संचय के कारण दर्द होना जैसे लक्षण में सोलेनम नाइग्रम का उपयोग अच्छा काम करता है।
- जल्दी-जल्दी और तेज सर्दी होना, बाएं नाक का बंद रहना और दाएं नाक से अधिक मात्रा में स्राव आना जैसे लक्षण में भी इस दवा को इस्तेमाल करें।
- दोनों आँखों में ऊपर दर्द । पुतलियों का बारी-बारी फैलना और सिकुड़ना, दुर्बल दृष्टि, तैरते हुए धब्बे दिखाई दें ।
- आँख के ऊपर दोनों तरफ दर्द होना, पुतलियाँ फैलती और सिकुड़ती हैं, ठीक से दिखाई नहीं देना और धब्बे तैरते हुए से दिखने के लक्षण में सोलेनम नाइग्रम का उपयोग अच्छा रहता है।
- रोगी का छाती सिकुड़ जाना, सांस लेने में परेशानी होना, गले में सुरसुरी होने के साथ खांसी होना, ज्यादा मात्रा में और पीले रंग का गाढ़ा बलगम निकलना – ऐसे लक्षण मे भी सोलेनम नाइग्रम का उपयोग करें।
- कभी बहुत गर्मी और कभी बहुत ठण्ड लगना, बुखार लगकर फुंसियां निकल आने पर सोलेनम नाइग्रम लाभ करता है।
मात्रा – सोलेनम नाइग्रम की 2 से 30 शक्ति ज्यादा और शीघ्र लाभ करता है।