इस औषधि की प्रधान क्रिया हृदय की शक्ति बढ़ाना, धीमा करना और रक्तचाप घटाना है। डिजिटेलिस और वेराट्रम के बहुत से लक्षण इससे मिलते हैं, किन्तु यह डिजिटेलिस की तरह ब्लड प्रेशर न बढ़ाकर हृदय की शक्ति बढ़ाता है और बहुत ही जल्दी अपनी क्रिया प्रकट करता है।
इस औषधि के अभाव से हृदय यंत्र की धमनियों की सिकुड़न और प्रसारक दबावों की निम्नता प्रकट होती है, हृत्पेशी पर अपनी क्रिया करके यह हृदयंत्र की अवनति व रक्तदाब मापक यन्त्रों में भी निम्न चाप गोचर करती है, यह हृदय की सिकुड़न को कम करती है। पेशाब की मात्रा बढ़ जाती है, इस औषधि में मूत्रकारक उपादान है जो शोथ में लाभकारी होते हैं। मार्फिया की आदत छोड़ने पर हृदय को दुर्बल होने से रोकने के लिए 1/10 से 1/14 ग्रेन की मात्राएं इंजेक्शन के रूप में दी जाती हैं, Albuminuria की अनियमितता, श्वास क्रिया की विषमता, निम्न चाप धमनियों के उच्चचाप तथा धमनी की कठिनाई को घटाने के लिए स्थूल मात्राओं का प्रयोग होता है।
हृदय – तम्बाकू खाने के कारण होने वाले हृदय रोग, हृत्पेशी आक्रान्त होना, माइट्रल वाल्व के रोग, क्रॉनिक-नेफ्राइटिस, हँफनी सी, सांस मानो चलते-चलते बंद हो जाएगी, निम्न चाप में रोगी लेट नहीं पाता, ऐसी अवस्था में यह बहुत लाभ करती है।
पेशाब – पेशाब में अत्यधिक जलन, पेशाब अधिक मात्रा में होता है।
मात्रा – 1 से 3 शक्ति का विचूर्ण।