प्रसूति स्तन के दूध को बढ़ाने के लिए और आक्षेपिक जम्हाई आना, प्रुराइटिस, योनि प्रदेश में जलन, सहवास के समय जलन, रक्तप्रदर, दाहिनी ओर का सियाटिका, हथेलियों में पसीना, पैरों और उँगलियों में ठण्डक, हाथ की शिरा फूली और सारी सन्धियों के दर्द के लिए उपयोग होता है। इन सबके अलावा कमर दर्द, गठिया और पेट दर्द में भी यह औषधि अच्छा काम करती है।
रोगी का हाथ कभी ठण्डा और कभी बहुत गर्म रहना और साथ में हथेलियों पे पसीना जैसे लक्षण में इस दवा का स्मरण करें।
मात्रा – 3 शक्ति।