किसी स्त्री में संतान पैदा करने की क्षमता का न होना ही बांझपन कहलाता है । अगर बांझपन किसी रोग के कारण हो तो पहले उस रोग को दूर करना चाहिये । यहाँ बाँझपन का सामान्य उपचार बता रहे हैं ।
बोरैक्स 200– स्त्रियों के बाँझपन में यह दवा अच्छा काम करती है परन्तु यह बाँझपन मासिक-विकारों के कारण होना चाहिये । इसकी रोगिणी का एक और लक्षण यह है कि वह जरा-सी आवाज से चौंक जाती है या डर जाती है । जो भी हो, यह एक ऐसी सफल दवा है जिसके सेवन से स्त्रियों के जननांग और गर्भधारण के आंतरिक अंग स्वाभाविक तौर से कार्य करने लगते हैं । कुछ चिकित्सक इसे मैथुन से आधा या एक घण्टे पूर्व देने के पक्षधर हैं । वैसे अनुभवों ने यह बात अब सिद्ध कर दी है कि इस दवा की एक खुराक प्रति सप्ताह स्त्रियों को देने से बाँझपन में अच्छे परिणाम मिलते हैं। इसके साथ ही, रोगिणी की शारीरिक संरचना व वैधानिक लक्षणों के अनुसार पल्सेटिला, सीपिया या कल्केरिया कार्ब जैसी दवा का चयन कर उसे निम्नशक्ति में देने से महिलाओं में पाई जाने वाली बाँझपन जैसी समस्या अवश्य ही दूर हो जाती है । डॉ० हीडलवर्ग ने पल्सेटिला, सोपिया तथा कल्केरिया कार्ब जैसी औषधियों को स्त्रियों के यौनांगों पर विशेष प्रभाव डालने वाली औषधि कहा है । ये ऐसी लाक्षणिक दवायें हैं जिनके प्रयोग से स्त्रियों के शरीर के हारमोन्स सक्रिय हो जाते हैं तथा उनमें गर्भधारण की क्षमता आ जाती है । वे इन्हें 30 अथवा 200 शक्ति में देने के पक्षधर हैं ।
ऑरम म्यूर नैट्रोनेटम 3x, 6x- कई चिकित्सक ऑरम म्यूर नैट्रोनेटम को बाँझपन की अचूक दवा मानते हैं । इसका कारण यह है कि यह दवा जरायु तथा डिम्ब-ग्रन्थियों के अनेक रोगों को दूर करती है तथा स्त्रियों के जननांगों पर इसकी विशेष क्रिया होती है। डॉ० बर्नेट ने इस दवा की बहुत अधिक प्रशंसा की हैं ।
नैट्रम कार्ब 3x- अमेरिकन डॉ० बेरोमैक ने कहा था कि नैट्रम कार्ब एक ऐसी दवा है जिसकी निम्नशक्ति के विचूर्ण का प्रयोग करने से स्त्रियों की जरायु संबंधी कई यांत्रिक खराबियाँ स्वाभाविक रूप से क्षीण होने लगती हैं और स्त्रियों में गर्भधारण करने की क्षमता आ जाती है ।
डॉ० सत्यव्रत सिद्धान्तालंकार का अभिमत है कि कई स्त्रियाँ स्नायु-प्रधान होती हैं, हाथों में कोहनियों तक और पैरों में घुटनों तक ठंडी रहती हैं । वे अपनी इसी शारीरिक अवस्था के कारण गर्भवती नहीं हो पातों और उनकी योनिद्वार को संकुचित करने वाली माँसपेशियों में इतनी शक्ति नहीं रहती कि वे पुरुष के शुक्र को अन्दर रोक सकें अर्थात् संकुचित करने वाली माँसपेशियाँ ढीली होती हैं और इससे पुरुष का वीर्य अंदर न जाकर बाहर निकल जाता है और यही उनके बाँझपन का कारण होता है। इस प्रकार की स्नायु-प्रधान शिथिलांग स्त्रियों के बाँझपन को नैट्रम कार्ब दूर कर देती है। नैट्रम कार्ब सर्द प्रकृति की दवा है ।
ब्रूसा पस्टोर Q- डॉ० बर्नेट के अनुसार इस दवा की तीन बूंदें प्रतिदिन एक बार देने से लाभ होता है ।
चमत्कारी योग- डॉ० सिन्हा ने बाँझपन में स्त्रियों के लिये एक चमत्कारी योग बताया है। जो इस प्रकार है– ओवाटोस्टा (), एलेट्रिस फैरिनोसा O, अशोका Q- इन तीनों दवाओं की दो-दो ड्राम की मात्रा में लेकर मिला लें। फिर इस मिश्रण में से 5-5 बूंद, एक कप पानी में मिलाकर प्रतिदिन तीन बार लेनी चाहिये- इससे रोगिणी को बहुत लाभ होगा ।
अनुभव- मेरा अनुभव है कि बाँझपन की अवस्था में संभोग से पहले स्त्री बोरैक्स 200 की एक खुराक ले लिया करे, पुरुष मर्कसॉल 200 की एक खुराक ले लिया करे- इस प्रकार लेने से गर्भधारण में बहुत ही सहायता मिलती हैं ।
पुरुष में कमी होना- यदि स्त्री को संतान न होने का कारण पुरुष में कमी होना है तो पुरुष को चाहिये कि वह अपना इलाज कराये । वैसे यदि पुरुष के वीर्य में शुक्राणु कम हैं या कमजोर हैं तो उसे सल्फर 200 दें । ऐसी स्थिति में लक्षणानुसारं चिनिनम सल्फ 30, स्ट्रिक्निनम 200, आयोडम 30 भी दे सकते हैं ।