धनुष्टंकार का आक्षेप, दाँत बैठ जाता है, बीच-बीच में पेशी ढीली हो जाती है, मेरुदण्ड ( spinal cord ) के ऊपर इसकी सीधी क्रिया होती है। इसका दर्द व आक्षेप अचानक आता है और बीच-बीच में लौटता रहता है। अचानक सदमा ( shock ) लगने से 3x शक्ति – हाइपोडर्मिक इंजेक्शन करने से फायदा होता है। निरंतर पाखाना, तेज कै, गर्भावस्था में मिचली, चेहरा बदरंग, उद्वेगपूर्ण, मसूढ़े जकड़े से, निचला जबड़ा अटका, आँख की पुतली फैली, आँखों के सामने चिनगारियाँ दिख पड़ना, सिर चकराना, उसके साथ कान में शब्द होना, ब्रह्माण्ड स्थान में स्पर्श सहन न होनेवाला दर्द, उदर-पेशी में तीक्ष्ण दर्द, अंत में नोचने सा दर्द, आक्षेप के समय अनजाने में पाखाना होना, अदम्य कब्ज व इन्फ्लुएंजा के बाद निरंतर खाँसी, प्रत्यंग कड़े, सन्धियों के कड़ेपन के साथ वात, शरीर का प्रबल स्पंदन, थोड़े से स्पर्श से ही आक्षेप बढ़ जाना इत्यादि में लाभदायक है।
अगर संभोग के समय लिंग में कड़ापन नहीं आता, ढीला रहता है और वक्त पर उत्तेजना नहीं आता तो strychninum phos 200 पोटेंसी की दो बून्द जीभ पे 4-5 दिनों तक लें। इससे आपकी समस्या ठीक हो जायेगा, इस दवा का उपयोग ज्यादा दिन नहीं करना है। इस दवा को फिर सुरक्षित रख लें और बाद में फिर समस्या उत्पन्न हो तो उसी प्रकार 4-5 दिनों तक 2 बून्द ले लिया करें। समय पे कड़ापन नहीं होने की समस्या इस दवा के उपयोग से 4-5 दिन में ठीक हो जाएगी।
क्रम – 3, 30 शक्ति।