नर्वस व हिस्टीरिया ग्रस्त महिलाओं में और दमा तथा प्लीहा रोग में फायदेमंद है। दमा व क्षयरोग की पहली अवस्था में, पुराने ब्रोंकाइटिस, छाती के दर्द व हूपिंग खाँसी में सक्सीनम दवा बहुत लाभदायक है।
रोगी के सिर में दर्द के साथ आँख से आँसू आते रहना, शोर-शराबे से सिर दर्द हो जाना, छींक आते रहना, रेलगाड़ियों के डिब्बों और बन्द जगहों में रहने से डर लगना जैसे लक्षण में सक्सीनम दवा से फायदा होता है।
नए T.B. रोग में, छाती में दर्द और जलन, श्वासनली में जलन, काली खांसी में भी यह दवा से बहुत लाभ मिलता है।
सम्बन्ध – एरण्डो., वाइथिया, सैबाडिला, सिनापिस से तुलना कर सकते हैं।
मात्रा – सक्सीनम दवा की 3 शक्ति सबसे ज्यादा लाभ करती है। 5 बून्द की मात्रा में इसका तेल भी उपयोग होता है।