गन्ना मधुरता और समृद्धि की फसल है अर्थात् जो मन, कर्म और वचन में मधुरता लाता है, लक्ष्मी उसका वरण करती है।
इसे ईख, साँठा भी कहते हैं। गन्ने के रस में नीबू, अदरक और अल्प मात्रा में बर्फ मिलाकर भूखे पेट पीने से अधिक लाभदायक है। रस तुरन्त निकाला तथा सफाई से तैयार किया हुआ होना चाहिए। ज्यादा देर रखा हुआ रस खराब हो जाता है।
नीरोग – नित्य गन्ने का रस पीने और चूसते रहने से स्वास्थ्य अच्छा रहता है। गन्ने और नीबू का रस मिलाकर पीने से एलर्जी के रोगियों को लाभ होता है, वृद्ध लोगों में स्फूर्ति का संचार होता है।
गन्ने का रस शीतल एवं शक्तिवर्धक होने के साथ-साथ थकावट को दूर करता है। ग्रीष्म ऋतु में गन्ने का रस पीने से शारीरिक उष्णता नष्ट होती है और तीव्र प्यास शांत होती है। शरीर में स्फूर्ति विकसित होती है। गन्ने के रस के सेवन से पित्त विकार नष्ट होते हैं। गन्ने का रस स्नायुओं की क्षीणता को नष्ट करता है। अम्ल-पित्त में गन्ने के रस का सेवन करने से बहुत लाभ होता है। गन्ने के रस के सेवन से पाचन-शक्ति तीव्र होती है। गन्ने में विद्यमान लौह तत्व रक्ताल्पता में शरीर को बहुत लाभ पहुँचाता हैं। मूत्र के अवरोध में भी गन्ने का रस बहुत लाभ पहुँचाता है।
कूकर खाँसी – कच्ची मूली का रस एक छटांक (62 ग्राम) एक गिलास गन्ने के रस में मिलाकर दिन में दो बार पीने से लाभ होता है।
सूखी खाँसी – एक गिलास गन्ने का रस नित्य दो बार पीने से सूखी खाँसी में लाभ होता है। छाती की घबराहट जाती रहती है।
रक्तातिसार – एक कप गन्ने के रस में आधा कप अनार का रस मिलाकर सुबह-शाम पीने से रक्तातिसार मिटता है।
मासिक धर्म खुलकर न आना – मासिक धर्म के दिनों में पाँच चम्मच गन्ने का सिरका सोने से पूर्व लें। मासिक धर्म सही हो जाता है।
पथरी – गन्ना चूसते रहने से पथरी टुकड़े-टुकड़े होकर निकल जाती है। गन्ने का रस भी लाभदायक है।
मन्द ज्वर में गन्ने का रस एक गिलास नित्य दो बार पीना लाभदायक है।
रक्तविकार – खाने के बाद एक गिलास गन्ने का रस पीने से रक्त साफ होता है। गन्ना नेत्रों के लिए हितकर है।
पित्त को उल्टी – पित्त की उल्टी होने पर एक गिलास गन्ने के रस में दो चम्मच शहद मिलाकर पीने से लाभ होता है।
हिचकी – गन्ने का रस पीने से हिचकी बन्द हो जाती है।
पीलिया – जौ का सत्तू खाकर ऊपर से गन्ने का रस पियें। एक सप्ताह में पीलिया ठीक हो जायेगा। प्रात: गन्ना चूसें। गन्ने का रस पीने से यकृत के रोगों में भी लाभ होता है।
शक्तिवर्धक – गन्ना भोजन पचाता है, कब्ज़ दूर करता है, शक्तिदाता है। शरीर मोटा करता है। पेट को गर्मी, हृदय की जलन को दूर करता है।