मूत्र नाश (Suppression of Urine)
मनुष्य में मूत्र-ग्रन्थियों में से चलकर मूत्र मूत्राशय में जमा हो जाता है और वेग लगने पर इसे शरीर से बाहर निकाल दिया जाता है । परन्तु जबकि मूत्र-ग्रन्थियों से चला हुआ मूत्र मूत्राशय में पहुँचे ही नहीं तो उसे मूत्र-नाश या मूत्राभाव कहते हैं । इसमें तन्द्रा, सुस्ती आदि लक्षण प्रकट होते हैं ।
टेरिबिन्थिना 3- किसी भी कारण से मूत्र-नाश होने पर लाभकारी है।
एकोनाइट 3x- रोग की प्रारम्भिक अवस्था में लाभकर है । यदि सर्दी लगने के कारण रोग हुआ हो तो यही दवा देनी चाहिये ।
ओपियम 6- तन्द्रा आना, बेहोशी, मोह, आँखें ऊपर चढ़ जाना आदि लक्षणों के साथ मूत्र-नाश होने में लाभकर है । अगर हिस्टीरिया के कारण मूत्र-नाश हुआ हो तो यही दवा देनी चाहिये ।