रोगी अपने शरीर को मानो आधा मरा व आधा जीवित रूप में समझता है। मामूली परिश्रम से ही मानसिक थकावट आ जाती है, कानों में बाजों की ध्वनि या गर्जन का शब्द होता है, कभी-कभी मालूम होता है मानो कान अचानक बंद हो गया है।
बाधक दोष – पहले मासिक स्राव बंद, बाद में अतिमात्रा में स्राव होता है।
टैनैसेटम का मानसिक लक्षण – रोगी चिड़चिड़ा हो जाता है, शोर-गुल बर्दास्त नहीं कर सकता। मानसिक थकान, पागलपन, मिचली और उल्टी जैसे लक्षण में Tanacetum vulgare के सेवन से लाभ मिलता है।
टैनैसेटम का सिर में लक्षण – थोड़ा काम करने के बाद ही सिर भारी लगना और दर्द शुरू हो जाना, सोचने की शक्ति कम हो जाना जैसे लक्षण में Tanacetum vulgare फायदा करता है।
टैनैसेटम का श्वास सम्बन्धी लक्षण – श्वास संस्थान का कमजोर होना, सांस लेने में खर्राटे की तरह आवाज आना, झागदार बलगम से श्वासनली का बंद हो जाना जैसे लक्षण में Tanacetum vulgare तुरंत फायदा करता है।
टैनैसेटम का कान का लक्षण – कान का अचानक से बंद हो जाना और कभी-कभी विचित्र आवाज और टनटनाहट सुनाई देना जैसे लक्षण होने पे इस दवा को याद करें।
टैनैसेटम का मासिक संबंधी लक्षण – मासिक का रुक जाना और पेट के नीचे भाग में दर्द होना, मासिक शुरू होने पर कुछ ज्यादा ही मासिकस्राव का होना जैसे लक्षण में इसका उपयोग अवश्य करें।
सम्बन्ध – सिमिसिफ्यु., सिना से तुलना कर सकते हैं । नक्स वोमिका के बाद में यह अच्छा काम करती है ।
मात्रा – मदरटिंचर और 3 शक्ति का प्रयोग करें।