[ सोर के साथ गाछ से टिंचर तैयार होता है ] – टारैक्सैकम ( Taraxacum ) दवा का उपयोग इन लक्षणों को ध्यान में रखते हुए करना चाहिए।
- नक़्शे की तरह लेप चढ़ी जीभ ( लैके, नैट्रम म्यूर, मर्क )
- अम्ल और पित्त की बीमारी, सिर दर्द ( gastric, headache )
- यकृत बढ़ा हुआ और कड़ा, इसके साथ ही कामला, जीभ पर मानचित्र की तरह दाग
- कमजोरी, आँख से धुंधला दिखना, टाइफायड या पित्त ज्वर की आरोग्यावस्था में रात के समय बहुत अधिक पसीना
- ये कई इस दवा के चरित्रगत लक्षण हैं। बहुमूत्र रोग में भी इससे फायदा होता है।
- सदृश – पाकाशयिक और पैत्तिक लक्षण में – ब्रायो, चेलि, हाईड्रैस, नक्स।
रोग में वृद्धि – सोने पर, बैठने पर, आराम करने से।
क्रम – Q, 3x शक्ति।