हिन्दी नाम – अर्जुन है। यह आयुर्वेद में नाना प्रकार के हृदय रोग में उपयोग होता है। हृत्पिण्ड के रोग में – हृदस्पंदन, छाती अकड़ना, हृत्पिण्ड में दर्द, हृत्पिण्ड में दुर्बलता, एंजाइना पेक्टोरिस प्रभृति में और बेरी-बेरी रोग में जब हृत्पिण्ड आक्रांत होता है, तो बहुत बार अर्जुन से फायदा होता है।
हृत्पिण्ड के यान्त्रिक रोग में – अर्थात वैल्वुलर-रोग इत्यादि में इससे कुछ भी लाभ नहीं होगा। गिर पड़ने या चोट लगने के कारण शरीर में दर्द, हड्डी टूट जाना, चोट-जनित चमड़े पर कलछिट पड़ने में भी यह लाभदायक है।
क्रम – 3x, 30 शक्ति।
मकरध्वज के साथ एक्स्ट्रैक्ट – अर्जुन 2-1 ड्राम की मात्रा में छाती धड़कने इत्यादि में नित्य सवेरे 1 बार सेवन करने से लाभ होता है।