निम्नांग का पक्षाघात, पाकस्थली में दर्द, आमाशय और आँतों में तेज दर्द, कभी आधे अंग में पक्षाघात हो जाना, शरीर में कम्पन, इलेक्ट्रिक शॉक की तरह दर्द, मेरुमज्जा का पुराना क्षयरोग, हाथ पैर की अँगुलियों का सुन्नपन, चीटियों के चलने की तरह एक प्रकार की सुरसुराहट होते रहना – अंगुली से आरम्भ होकर क्रमशः ऊपर और pelvic के अन्दर से होकर पेरिनियम व उरु के अंदर होते हुए पैर में उतर जाता है।
उग्र अवसादजनक रोगों के बाद बाल झड़ना, बहुतन्त्रिकाशोथ, पेशी शोथ, कम्पन, रात में पसीना आना। तेज छुरी के काटने जैसी पीड़ा, बिजली के झटके से लगते हैं। अत्यधिक थकान महसूस होना जैसे उपर्युक्त सभी लक्षण में थैलियम दवा लाभ करता है।
सम्बन्ध – प्लम्बम, कास्टि, लैथीरम आदि से तुलना किया जाता है।
मात्रा – निम्न शक्ति विचूर्ण, 30 शक्ति।