इस दवा का टिंचर चाय ( tea ) से तैयार किया जाता है । बहुत ज्यादा चाय वगैरह पीने के कारण अजीर्ण, अनिद्रा, कमजोरी, कलेजा धड़कना, पेट में वायु होना इत्यादि मन्दाग्नि के लक्षण प्रकट होने पर और हृत्पिण्ड की बीमारी में – हृत्पिण्ड की जगह पर दर्द, कलेजा जोर से घड़कना, ऊपरी छाती में कसकर बंधा रहने का भाव, बाईं करवट सो न सकना, छाती के भीतर मानो कोई चिड़िया फड़फड़ा रही है, इस तरह का अनुभव होना – तेज, सविराम और अनियमित नाड़ी होने पर इससे फायदा होगा I
थिया चिनेन्सिस के कुछ मुख्य लक्षण :-
- अगर एकदम से कोई उत्तेजित जो जाता है, रोने लगता है, लड़ने लगता है और बाद में ऐसा लगता है कि जो हुआ गलत हुआ तो ऐसी उत्तेजना को थिया चिनेन्सिस ठीक करता है।
- अगर नींद नहीं आती और नींद नहीं आने के कारण सिर दर्द होता है तो थिया चिनेन्सिस लाभकारी है।
- अगर पेट में कुछ भी महसूस नहीं हो, ऐसा लगे की पेट पूरी तरह खाली हो गया है तो है, कभी एकदम से पेट फूल जाए, डकार आने लगे तो थिया चिनेन्सिस अच्छा काम करती है।
- नींद नहीं आने के कारण चिड़चिड़ापन और दिल की धकड़न बढ़ जाए खासकर तब जब बाएं करवट सोते हों तो थिया चिनेन्सिस लेना उचित है।
- अगर पूरे दिन सुस्ती रहे, नींद आता रहे परन्तु रात में नींद न आए तो ऐसे में थिया चिनेन्सिस का उपयोग करें।
क्रम – 30, 200 शक्ति I
Theine – 1 या 2 ग्रेन के हाइपो-इंजेक्शन से साइटिका आरोग्य होता है I