सरसों तेल के रासायनिक प्रक्रिया से यह तैयार हुआ है। घाव के चिन्ह, ट्यूमर, बड़े ग्लैण्ड, ल्यूपस, स्ट्रिक्चर, आँख के कॉर्निया की अस्वच्छता, मोतियाबिन्द, सूत्रार्बुद, कड़े अर्बुद, मेरुमज्जा के क्षय रोग में बिजली-सा दर्द, कान में पीब होकर बहरा हो जाना, मध्यकर्ण से पुरानी पीब बहना, कान के अंदर रेशा की तरह एक प्रकार का पदार्थ ( fibroid ) उत्पन्न होना, कान की छोटी हड्डियों संचालन बन्द, कर्ण पटह मोटा हो जाना और कान की स्नायुओं के अंदर किसी प्रकार का fibrous changes होकर बहरा हो जाने इत्यादि में थिओसिनामीनम बहुत लाभ करता है।
क्रम – 2x, ग्लिसरीन या जल में 10% सॉल्यूशन बनाकर ( 60 बून्द में 10 बून्द ) उसमे से 15 से 10 बून्द सप्ताह में दो बार इंजेक्शन करने की भी जरुरत है। सेवन करने के लिए 1/2 ग्रेन कैप्सूल नित्य उपयोग करना चाहिए।