[ इक्षुगंधा नामक एक तरह के छोटे गाछ से प्रस्तुत ] – मूत्रयंत्र और जननेन्द्रिय पर इसकी प्रधान क्रिया होती है। जननेन्द्रिय की कमजोरी, स्पर्माटोरिया ( पेशाब-पाखाना के समय वीर्य निकलना )। हस्तमैथुन या किसी अवैध रीति से शुक्र क्षय कर आंशिक या सम्पूर्ण ध्वजभंग में ट्रिब्यूलस टेरेस्ट्रिस फायदा करता है।
प्रोस्टेटाइटिस ( मूत्राशय मुखशायी-ग्रन्थि प्रदाह ), पेशाब रोकने की शक्ति का न रहना, पेशाब लगने पर एक मिनट के लिए भी वेग सकना, पेशाब में जलन और दर्द इत्यादि। हमें ऐसा मालूम होता है कि जननेन्द्रिय का दोष दूर करने और संशोधन करने में सभी दवाओं की अपेक्षा ट्रिब्यूलस टेरेस्ट्रिस अधिक लाभदायक है, इस्तेमाल जरूर करें।
मात्रा – 2 से 5 बून्द – रोज 3 बार, डॉ बोरिक का कहना है 10 से 20 बून्द तक दिन में 3 बार सेवन करना चाहिए।