नये तन्तुओं के फूल उठने को ही अर्बुद कहा जाता है ।
बैराइटा कार्ब 200– बहुत से विद्वान चिकित्सकों के मत से यह इस रोग की सर्वोत्कृष्ट दवा है ।
आर्सेनिक 3x– धातु-विकार रहने पर और अर्बुद वाले स्थान पर दर्द भी होने पर इसका प्रयोग करना चाहिये ।
कल्केरिया फ्लोर 6x- अर्बुद अगर पत्थर की तरह कड़ा हो तव इसका प्रयोग करें ।
कोनियम 30- जरायु में अर्बुद हो, वृन्द्र लोगों के पीठ पर अर्बुद ही और अर्बुद अगर एकदम कड़ा हो तो इसका प्रयोग करें ।
हाइडैस्टिस केन Q, 30- जरायु में अगर अर्बुद हो और जलन भी मौजूद रहे तब इसका प्रयोग लाभकारी सिद्ध होता हैं ।