यह एक प्रकार का चर्म-रोग ही है । खान-पान के दोष से, शरीर को धूप न मिल पाने की वजह से, सदैव सीलन भरे स्थानों पर रहने की वजह से, सर्दी लगने की वजह से अथवा किसी अन्य कारण से शरीर की त्वचा पर लाल रंग के चकते जैसे उद्भेद उभर आते हैं जिसे पित्ती उछलना कहा जाता है । इनमें बार-बार खुजली मचती है जिससे रोगी परेशान हो जाता हैं । रोगी को ढंग से लेटा-बैठा भी नहीं जाता ।
एकोनाइट 30- सर्द हवा लगने या वर्षा-पानी में भीगने के कारण पित्ती निकल आये, साथ ही, बुखार और बेचैनी भी हो तो इसका प्रयोग अत्यन्त लाभप्रद रहता है ।
पल्सेटिला 30, 200– बासी भोजन करने या दूषित घी-तैल आदि का प्रयोग करने से पित्ती उछले तो इसी दवा का प्रयोग करना चाहिये ।
अर्टिका यूरेन्स Q- पेशाब ज्यादा मात्रा में हो, चमड़े पर खुजली एवं चुभन महसूस हो और इसके साथ ही पित्ती उछल आवे तो इस दवा का प्रयोग करना लाभप्रद है ।
नक्सवोमिका 30- शराबियों के रोग में अथवा पाचन-संस्थान की गड़बड़ी के कारण पित्ती उछलने में लाभ करती हैं ।
आर्सेनिक 30- पित्ती उछलने के बाद बेचैनी का अनुभव हो तो यह दवा लाभ करती है ।