स्त्री के जननांग (योनि) की खुजली में लक्षणानुसार निम्नलिखित औषधियों का प्रयोग हितकर सिद्ध होता है :-
ऐम्ब्राग्रीशिया 3, 6 – स्त्रियों के बाहय-जननांग में खुजली, जलन, सूजन तथा दुखन के लक्षणों में लाभकर है । इसे बार-बार दिया जा सकता है ।
जिंकम-मेट 6 – जाँघ, घुटनों तथा जननांग में इतनी खुजली कि उसके कारण स्त्री हस्त-मैथुन करने को विवश हो जाय इन लक्षणों में हितकर है।
डोलिकोस 6 – जननांग में खुजली, रोगी का एक क्षण भी चैन से बैठ न पाना, रात के समय तथा गर्मी से कष्ट बढ़ना – इन लक्षणों में लाभकारी है। किसी भी स्थान की ऐसी खुजली, जहाँ सूजन और दाने न हों, साफ त्वचा की खुजली, कन्धों के पीछे, कुहनी, घुटनों के आस-पास तथा बालों वाले स्थान की खुजली में भी यह लाभकारी हैं ।
सल्फर 30 – जननांग की खुश्क तथा भयंकर खुजली, जिसमें खुजाते-खुजाते खून निकल आता हो, में इसके प्रयोग से लाभ होता है।
कोलिन्सोनिया Q, 3 – स्त्री के बाहय-जननांग की खुजली में हितकर है ।
आर्टिका-युरेन्स Q, 3 – बाह्य-जननेन्द्रिय में खुजली, जलन एवं भगोष्ठ की सूजन तथा उसका कठोर पड़ जाना – इन लक्षणों में हितकर है ।
टैरेण्टुला 6, 30 – बाह्य-जननांग की तीव्र खुजली, जननांग से हवा खारिज होना, कामोद्रेक तथा हिस्टीरिया के साथ रोग का आवेग – इन लक्षणों में इसका प्रयोग करें ।
हेलोनियास Q, 6 – बाहय-जननांग तथा योनि-द्वार की ऐसी खुजली, जिसे खुजाते समय स्त्री नोंचकर माँस छील दे, त्वचा सूज कर लाल हो जाय तथा उस पर दही जैसे सफेद दाग पड़ जायें इन लक्षणों में इस औषध के प्रयोग से लाभ होता है ।
कैलेडियम 3, 6 – स्त्री-जननांग की खुजली की यह मुख्य औषध मानी जाती है । भगोष्ठ से जरायु में जाने वाली नली में कृमि प्रविष्ट होकर कभी-कभी इतनी खुजली उत्पन्न कर देते हैं कि उसके कारण स्त्री को मैथुन की उत्कट इच्छा होने लगती है । उस इच्छा को शान्त करने के लिए कुछ स्त्रियाँ हस्त-मैथुन तक करने लगती हैं। ऐसी स्थिति में यह औषध लाभ करती है। गर्भावस्था की खुजली में भी यह लाभकारी है ।
क्रियोजोट 3, 30 – ऐसी कामोत्तेजक खुजली, जिसमें रोगिणी हर समय खुजाती ही रहती हो – में लाभकर है ।
सीपिया 200 – योनि-द्वार की खुजली के साथ प्रदर की शिकायत होने पर इसे देना चाहिए ।
लिलियम 30, 200 – बाह्य-जननांग की खुजली, जिसमें चलते-फिरते समय पेट में भार तथा टट्टी जाने की हाजत का अनुभव होता हो और यदि रोगी आराम से बैठ या लेट जाय तो हाजत नहीं रहती – इन लक्षणों में लाभकर है ।
बोरेक्स 3 – गर्भावस्था की खुजली में इसका कई सप्ताह तक सेवन करना चाहिए। बाह्य-जननांग की खुजली में इसका पाउडर लगाना भी हितकर है ।
मर्क-सोल 30, 200 – पेशाब लगते ही जननांग में खुजली मचना, पेशाब को धो डालने की आवश्यकता, तीखे तथा लगने वाले प्रदर की शिकायत तथा रात के समय कष्ट बढ़ जाने के लक्षणों में हितकर है।
रेडियम-ब्रोम 30 – डॉ० क्लार्क के मतानुसार जननांग अथवा गुदा की खुजली में इस औषध को सप्ताह में एक बार लेते रहने से लाभ होता है।