वैरिकोज वेन्स का होम्योपैथिक इलाज और दवा
इस लेख में हम Varicose veins की समस्या को ठीक करने की होम्योपैथिक दवा की चर्चा करेंगे।
52 वर्ष की विवाहित महिला एलर्जिक राइनाइटिस के साथ वैरिकोज वेन्स जिसे स्पाइडर वेन्स भी कहते हैं, इसी के इलाज के लिए मुझ से संपर्क किया।
वो chilly पेशेंट थी, उन्हें पंखा की हवा भी सहन नहीं होता था, खुद को ढक लेना, पंखा बंद करके बैठ जाना, हमेशा गर्म पानी में स्नान करना और गर्म भोजन और पेय ही लेना पसंद करती थी।
शारीरिक गठन ठीक था और रंग गोरा था। पसीना – थोड़ा, भूख: सामान्य, दिन में 3 बार (वह हमेशा गर्म खाद्य पदार्थों का सेवन करती है, ठंडे खाद्य पदार्थ से उनकी समस्या बढ़ जाती थी।
पैरों में दर्द और खांसी, जुकाम जल्दी हो जाता है। उन्होंने बताया कि बचपन से ही वह बहुत ही कर्तव्यनिष्ठ और मेहनती छात्रा थी और अपना काम ठीक से करती थी।
वह बहुत धार्मिक है; धार्मिक बातें और गाने सुनती हैं और यहां तक कि कभी-कभी सोते समय धार्मिक किताब हाथ में रखती हैं। उन्हें खाना बनाना बहुत पसंद है और वह चाहती है कि सब कुछ सही समय पर और साफ-सुथरा हो।
उनका घर बेहद साफ-सुथरा है। वह चाहती हैं कि उनके कपड़े ठीक से धुली हो और इस्त्री किए होने चाहिए।
वह अपने स्वास्थ्य को लेकर बहुत चिंतित रहती है और यदि घर में कोई रात के खाने के लिए आ रहा है या उसे कहीं बाहर जाना है, तो वह बहुत बेचैन हो जाती है। घर में भी आराम नहीं करेगी और कुछ न कुछ करती ही रहेगी।
वह अपने स्वास्थ्य, आहार और व्यायाम को लेकर बहुत चिंतित रहती हैं। रसोई में लगातार खड़े रहने, काम करने और तनाव देने वाली गतिविधियों से वैरिकोज नसों में दर्द बढ़ जाता है।
धूल के संपर्क में आने से सांस लेने में कठिनाई और छींक आने लगती है। ठंड के मौसम में आसानी से सर्दी पकड़ लेता है। ठंडे खाद्य पदार्थों जैसे दही, कोल्ड ड्रिंक, आइसक्रीम का सेवन करने पर समस्या बढ़ जाती है।
यहाँ रोगी के मानसिक लक्षण को इस प्रकार परिभाषित किया जा सकता है:-
वह धार्मिक हैं, स्वास्थ्य के बारे में सतर्क, आगे होने वाली घटना से बेचैनी, परिवार के प्रति जिम्मेदार, बहुत मेहनती और कर्तव्यनिष्ठ व्यक्ति हैं। ठंड के मौसम में आसानी से सर्दी पकड़ लेती है।
साफ़ सफाई बहुत पसंद है और कुछ न कुछ करते रहने की इच्छा। यहाँ आर्सेनिकम एल्बम रोगी के सभी मानसिक और शारीरिक लक्षण को कवर करता है।
ऐसे में मैंने आर्सेनिकम एल्बम 1M की 2 बून्द 15 दिन में एक बार लेने की सलाह दी।
करीब 4 महीने दवा लेने के बाद पैरों में दर्द नहीं होता लेकिन नसों का नीला रंग बरकरार है। सांस फूलने, छींकने, खांसी, जुकाम, कमजोरी, शरीर में दर्द, बुखार की शिकायत पूरी तरह से ठीक हो गई है।
Video On Varicose Veins
वह अपना काम ठीक से कर पाती है, अधिक समय तक खड़ी रह सकती है। ऐसे ही रुब्रिक के आधार पर दवा का चयन किया गया तो रोग से जल्दी से मुक्ति मिल जाता है।
हमारी नसों में एक वाल्व होता है, जो रक्त को हमारे हृदय की ओर ले जाने में मदद करता है। अगर वाल्व कमजोर हो जाये या उसमे किसी प्रकार की समस्या आ जाये तो रक्त हृदय की ओर ना जा कर नसों में इकट्ठा हो जाता है और नसें सूज और मुड़ जाती हैं और इसे ही वैरिकोज वेंस कहते हैं।
Varicose veins की समस्या होने पर नसें एक ही जगह इकट्ठा होकर त्वचा के बाहर से साफ दिखती हैं। वैरिकोज वेन्स का मतलब ही है नसों का बढ़ जाना। यह समस्या हमारे शरीर के किसी भी नस के साथ हो सकती है परन्तु ज्यादातर ‘वैरिकोज वेन्स’ पैर की नसों में ही होता है। क्योंकि ज्यादा देर तक पैर के पंजों के बल खड़े रहने के कारण नीचे की नसों में दबाव पड़ता है। पर शरीर के अन्य भागों में भी यह हो सकती हैं। हेमोरोइड (Hemorrhoids) यानि बवासीर वैरिकोज वेन्स ही होता है। वैरिकोज वेन्स त्वचा के बाहर से नीले रंग की नजर आती हैं।
Varicose veins होने कारणों की अधिक चर्चा ना करते हुए हम लक्षणों पर विशेष ध्यान देंगे की किस लक्षण पर हमें कौन सी होम्योपैथिक दवा सेवन करना है।
Varicose Veins ka Homeopathic Medicine
Calcarea flour 6x – Varicose veins रोग में शुसलर की प्रधान औषधि। लक्षण कैसा भी हो इसका सेवन हमें करना ही है। इसकी 4 गोली मुंह में ले कर चूसना है सुबह और शाम।
अब लक्षणों पर धयान देते हैं :-
Hamamelis 200 – अगर Varicose veins में रोग वाली जगह पर तनाव का दर्द रहे, शिराओं में तनाव रहे, दर्द रहे, रोगी को ऐसा लगे जैसे वहां घाव हो गया है, जैसे घाव में दर्द रहता है वैसा ही दर्द रोग वाली जगह पर रहे तो ऐसे लक्षण पर Hamamelis 200 की 2 बून्द सुबह और शाम लेने से Varicose veins ठीक हो जाता है।
Fluoric acid 200 – अगर रोग नया है तो Hamamelis और अगर रोग पुराना हो गया है तो Fluoric acid लाभ देता है। पर Fluoric acid का एक खास लक्षण है जलन, रोग वाली जगह अर्थात Varicose veins में burning sensation होता है। इसका रोगी भी प्रकृति से गर्म रहता है, गर्मी सहन नहीं होता, ठंडी जगह रहना पसंद करता है। ऐसे लक्षण पर Fluoric acid 200 की 2 बून्द सुबह और शाम लेने से Varicose veins ठीक हो जाता है।
Vipera 200 – नाना प्रकार के रक्तस्राव में और जरायु के रक्तस्राव में इससे फायदा होता है, साथ ही शिराओं की सूजन की यह बहुत बढ़िया दवा है। जहाँ भी शिराएं में सूजन होगी वहां ऐंठन और दर्द होती है, अगर Varicose veins पैर में है तो वहां ऐंठन होती हैं, सोते वक्त पैर एक दुसरे से छू लें तब भी दर्द होता है, आप हमेशा चाहते हैं कि पैर को नीचे की तरह झूला कर रखें क्युकि इससे रोगी को आराम मिलता है। याद रखें शिरा प्रदाह और शिरा के फूलने की यह बहुत बढ़िया दवा है। ऐसे में Vipera 200 की 2 बून्द सुबह और शाम जीभ पर टपकाया करें।
Lachesis 200 – अगर Varicose veins हुआ है और शिराओं का रंग Purple या bluish है तो आपको हर हफ्ते Lachesis 200 की 2 बून्द रोगी को अवश्य देनी चाहिए। करीब 2 महीने अर्थात 8 dose देने से Varicose veins ठीक हो जाता है।
Carbo veg 200 – इसमें शिराओं का रंग bluish होता है साथ ही पैर में भारीपन महसूस होता है, ऐसा लगता है जैसे पैर में बिलकुल जान नहीं है, stiffness भी महसूस होती है, ऐसे लक्षण पर Carbo veg 200 की 2 बून्द सुबह और शाम लेने से Varicose veins की समस्या ठीक हो जाती है।
Graphites 200 – इसमें रोग वाली जगह अर्थात जहाँ Varicose veins हुआ है वहां ऐंठन होती है, ऐंठन वाली दर्द के लक्षण Vipera में भी है परन्तु Graphites में ऐंठन वाली दर्द के साथ झटके भी लगते हैं। अचानक करंट जैसा लगता है फिर शांत हो जाता है, ऐसे लक्षण पर Graphites 200 की 2 बून्द हफ्ते में एक बार लेने से ऐसी समस्या ठीक हो जाती है।
Bellis per Q – अगर गर्भावस्था के समय Varicose veins की समस्या हुई है तो आपको Bellis per Q की 5-10 बून्द थोड़े पानी के साथ दिन में 3 बार देनी चाहिए, ऐसे में Varicose veins ठीक हो जाएगी।
यहाँ मैंने मुख्य दवाओं की चर्चा की है जिससे Varicose veins में अवश्य आराम मिल जाता है।