वाइबर्नम ओपूलस का होम्योपैथिक उपयोग
(1) कष्टदायक ऋतुस्राव (Dysmenorrhea) – इस औषधि की ‘परीक्षा-सिद्धि” (Proving) डॉ० एलन ने की थी। डॉ० हेल लिखते हैं कि कष्टदायक-ऋतुस्राव के लिये जो चिकित्सक उपयुक्त औषधि को ढूंढ निकालेगा, वह इस प्रकार का कष्ट भोगनेवाली हजारों स्त्रियों के आशीर्वाद का पात्र होगा। वाइबर्नम इसी प्रकार की औषधि है। यह कष्टदायक-ऋतुस्राव के लिये अत्युत्तम दवा है। इसके मूल-अर्क का प्रयोग किया जाता है, 3x तक प्रयोग किया जा सकता है। अमरीका की जंगली जातियों में इसका कष्टदायक-ऋतुस्राव में प्रयोग देखकर इस पर परीक्षण किये गये, और इस कष्ट में इसे असाधारण तौर पर लाभप्रद पाया गया। ऋतुस्राव के कष्ट में चार औषधियां मुख्य हैं – बोरैक्स, गुएकम, अस्टिलेगो तथा वाइबर्नम। इस से ऋतुस्राव का कष्ट बन्द हो जाता है। यह गहराई में जानेवाली औषधि नहीं है, परन्तु प्रभावशाली अवश्य है। दर्द की प्रत्येक लहर के बाद कोसे पानी में मूल-अर्क की कुछ बूंदे डाल कर लेते रहना चाहिये।
(2) प्रसूति के झठे-दर्द तथा गर्भपात की आशंका – (False labour pains and threatened miscarriage) – डॉ० हेल लिखते हैं कि प्रसूति के असली दर्द से पहले जो झूठे-दर्द आते रहते हैं, जिस से माता को असहनीय-कष्ट होता रहता है, उनके लिये यह अत्युत्तम औषधि है। गर्भवती स्त्री के पेट तथा टांगों में ऐंठन को और गर्भपात की आशंका को भी यह दूर कर देती है।
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