उल्टियाँ होने का कारण पहले मालूम कर लेना चाहिये । यदि उल्टियाँ उल्टा-सीधा खाने की वजह से हुई हैं या दूषित जल आदि के उपयोग से हुई हैं या हैजे के कारण हुई हैं तो मरीज को उबला पानी पिलायें व सफाई व्यवस्था की तरफ ध्यान दें ।
किसी भी प्रकार की उल्टी होने पर- इपिकाक 12, 200- किसी भी कारण से यदि उल्टियाँ हो रही हों और उल्टी के साथ यदि दस्त भी हों तो सर्वप्रथम उल्टी का ख्याल आते ही यह दवा देनी चाहिये । परन्तु अनुभव से ज्ञात हुआ है कि निम्नशक्ति देने से उल्टियाँ बढ़ सकती हैं । इसलिये इस दवा की 200 शक्ति की 10 बूंदें एक कप पानी में डालकर मात्र दोदो चम्मच पानी दो-दो घण्टे के अन्तर से पिलाने से हर प्रकार की उल्टी ठीक हो जाती है । यदि किसी को उल्टी के साथ दस्त भी आ रहे हों तों भी यह दवा कारगर सिद्ध होगी ।
बच्चों के दाँत निकलते समय उल्टियाँ- थूजा 30- यदि बच्चों के दाँत निकलते समय उल्टियाँ हो रही हों तो यह दवा देनी चाहिये ।
पानी पीते ही उल्टियाँ होना- आर्सेनिक एल्ब 30- यदि रोगी पानी पीते ही उल्टियाँ कर देता हो जिससे जलन, घबराहट या अन्य उपद्रव हों तो उसे यह दवा दिन में रोन बार दें ।
यात्रा के समय उल्टियाँ- कॉकुलस इण्डिकस 30, 200– कुछ लोगों की यात्रा करते समय खासकर रेल, बस, पानी के जहाज आदि में उल्टियाँ आती हैं और उनका जी मिचलाने लगता है । ऐसी स्थिति में इस दवा को दें । यह दवा यात्रा के समय होने वाली उल्टी, जी मिचलाना, घबराहट तथा अन्य उपद्रवों पर काफी कारगर रही हैं ।
शराबियों को होने वाली उल्टी- एण्टिम टार्ट 30, 200– शराबियों को जो उल्टियाँ शराब के कारण होती हैं उनके लिये यह दवा देनी चाहिये ।
बच्चा यदि दही जैसी उल्टी करे- एण्टिम कूड 6, 12- दूध पीने वाला बच्चा यदि दही के समान दूध की उल्टी करे जिसमें खट्टी बदबू हो तो उसे यह दवा देनी चाहिये ।
गर्भावस्था की उल्टियाँ– टैबेकम 6, 30- गर्भावस्था में होने वाली उल्टियों पर यह दवा देनी चाहिये । नक्सवोमिका भी लाभ करती है ।
मुंह का स्वाद कड़वा रहने के साथ उल्टी- सिम्फोरि कार्पस 30, 200 – यदि मुँह का स्वाद कड़वा हो, उल्टी के साथ खाई-पी वस्तु गले या मुँह तक जाती हो तो ऐसी स्थिति में यह दवा देनी चाहिये । ऐसी स्थिति में इपिकाक भी अच्छा काम करती है ।
रसोई की गन्ध से उल्टी आना- कॉलचिकम 200, 1M- यदि रसोई की गन्ध से रोगी की उल्टियाँ आती हों तो देनी चाहिये । रोगी को खानेपीने की वस्तु या रसोई की गन्ध बरदाश्त नहीं होती और उसे उल्टियों की शिकायत या उल्टियों की इच्छा होने लगती है । ऐसे लोगों की प्रवृत्ति बदलने के लिये कॉलचिकम 200 की प्रति सप्ताह दो मात्रायें दें तथा अगले सप्ताह अन्तिम बार 1M की एक मात्रा देकर दवा बन्द कर दें । इससे सदा-सदा के लिये रोगी इस प्रकार की प्रवृत्ति से छुटकारा पा लेता है |