इस लेख में हम समझेंगे कि किस-किस होम्योपैथिक दवा में क्या-क्या सावधानी बरतनी चाहिए ? अर्थात कौन सी दवा किस दवा से पहले या बाद में या किस बीमारी में नहीं लेनी चाहिए ?
लोगों के मन में यह एक गलत धारणा है कि होम्योपैथी पूरी तरह सुरक्षित है। हां, चिकित्सा की दूसरी विधियों, जैसे एलोपैथी या आयुर्वेद की तुलना में होम्योपैथी अधिक सुरक्षित है। मैं यहाँ कुछ मुख्य होम्योपैथिक दवा के बारे में चर्चा करूँगा कि उन्हें किस स्थिति में नहीं देना चाहिए।
Aconite Nap
- मलेरिया बुखार, ज्वर की चढ़ती हुई दशा में और बुखार जब उभर रहा हो तो इसका इस्तेमाल न करें।
- यदि मानसिक लक्षण, जैसे – मानसिक चिंता, शारीरिक और मानसिक बेचैनी न हो तो इस औषध का उपयोग न करें।
Aloe Socotrina
मलाशय संबंधी रोग में इसे बार-बार नहीं देना चाहिए, कुछ खुराकें देकर परिणाम की प्रतीक्षा करें।
Alumina
इसे जल्दी मत बदलिए क्योंकि इस औषध की क्रिया धीरे-धीरे विकसित होती है।
Ammonium Carb
- निम्न पोटेंसी में उपयोग न करें।
- लैकेसिस के पहले या बाद में इस्तेमाल न करें।
Anacardium
रक्त के अत्यधिक जमने की स्थिति में इस्तेमाल न करें।
Antim Tart
जहां एंटिम टार्ट का लक्षण प्रतीत होता हो पर एंटिम टार्ट विफल हो गया हो, उससे लाभ नहीं मिले तो वहां हीपर सल्फ को मत भूलिए ।
Apis Mel
- निम्न पोटेंसी में, बार-बार अथवा गर्भावस्था में विशेषकर तीसरे महीने के आसपास इस्तेमाल न करें। उन दिनों में इसे देने पर गर्भपात हो सकता है।
- जल्दीबाजी में इस औषध को न बदलें क्योंकि कभी-कभी इसकी क्रिया धीमी होती है, विशेषरूप से जब अधिक मूत्र होने के क्रिया की अपेक्षा हो।
- इसे रस टाक्स के पहले या बाद में इस्तेमाल न करें।
Arnica Montana
- जहां त्वचा छिली या फटी हुई हो वहां इसको कभी त्वचा पर न लगाएं। यह तीव्र विसर्प उत्पन्न कर सकती है और उस स्थिति से निबटने में ‘कैम्फर’ सहायक है।
- पागल कुते के काटने पर बाहय या आंतरिक रूप से इस औषध का इस्तेमाल न करें।
Baryta Carb
- सर्दीजनित दमा में इसका प्रयोग न करें।
- निम्न पोटेंसी में न दें। टॉसिलशोथ की प्रवणता दूर करने के लिए उच्चतम पोटेंसी में इस्तेमाल करें।
Belladonna
- अपेंडिसाइटिस में इस्तेमाल न करें।
- ऊंची पोटेंसी में उपयोग न करें, यह रोगी को मार सकता है।
- टायफायड या निरंतर बने रहने वाले बुखार में उपयोग न करें।
Bellis Per
रात में सोते समय न दें। इससे अनिद्रा हो सकती है।
Benzoic acid
इसे लेने के बाद शराब न लें। यह जननांगों, आमवात एवं मूत्र संबंधी संक्रमण को बढ़ा सकती है।
Blatta orientalis
यदि सुधार जारी हो तो रोग के आक्रमण के बाद औषध न दुहराएं। ऐसी स्थिति में यह अनावश्यक रोगवृद्धि उत्पन्न कर सकती है।
Bryonia
मत भूलिए कि एल्युमिना इसकी क्रानिक है।
Caladium
मत भूलिए कि यह तंबाकू खाने की इच्छा का दमन कर देती है।
Calcarea Carb
- इसे बरायटा कार्ब या कैली बाई क्रोम के पहले इस्तेमाल न करें।
- कैली कार्ब के बाद उपयोग न करें।
- मत भूलिए कि यह बेलाडोना का क्रानिक है।
Camphor
- इसे पानी में इस्तेमाल न करें क्योंकि तब यह रोगवृद्धि करती है।
- जब पसीना हुआ हो तब इसे उपयोग न करें। पसीना उत्पन्न होने पर इसे तुरंत बंद कर दें।
Carbo Veg
किसी भी रोग की आरंभिक अवस्था में, विशेषकर अतिसार में इसका उपयोग न करें।
Causticum
पक्षाघात के रोग में इसे बहुत जल्दी-जल्दी न दें। सप्ताह में केवल एक या दो बार दें।
Chamomilla
यदि रोगी स्थिर और शांत हो तो इस्तेमाल न करें।
China
- नर्वस और चिड़चिड़े बच्चों में 200 पोटेंसी से नीचे इस्तेमाल न करें।
- यदि चायना विफल होती है तो मत भूलिए कि सैंटोनिनम पेट में कीड़े से निरोग कर सकती है।
- ठंड के कारण उत्पन्न स्वरलोप को निरोग करने में एकोनाइट के विफल होने पर, मत भूलिए कि चायना ने इसे निरोग किया है। कोचिकम मत भूलिए कि यह एपिस मेल के विफल होने पर सूजन समाप्त करती है।
Collinsonia
- जहां हृदय का रोग हो वहां इसे मत इस्तेमाल कीजिए।
- जब कोलोसिंथ और नक्स वोमिका उदरशूल दूर करने में विफल हो तो इसे मत भूलिए।
Crataegus oxyacantha
जल्दीबाजी में इस औषध को मत बदलिए। अच्छे परिणाम प्राप्त करने के लिए इसे कुछ दिनों तक उपयोग करना चाहिए।
Hepar sulphur
सर्दी-जुकाम के प्रारंभ में इसे उपयोग न करें, क्योंकि यह कष्ट को सीने तक पहुंचा सकती है।
Ignatia
रात में सोते समय इसे न लें। इससे अनिद्रा हो सकती है।
Kali bichromicum
कैल्केरिया कार्ब के बाद इस्तेमाल न करें।
kali carb
- बहुत जल्दी-जल्दी न दुहराएं।
- जीर्णकालिक गठिया, टी.बी. या बढ़े हुए वृक्कशोथ (ब्राइट्स डिजीज़) में उच्च पोटेंसी से उपचार प्रारंभ न करें।
Lachesis
- बार-बार औषध न दुहराएं।
- ऊंची पोटेंसी में सतर्कताविहीन होकर उपयोग न करें।
Lycopodium
सल्फर के बाद इस्तेमाल न करें।
Medorrhinum
- 200 पोटेंसी से नीचे इस्तेमाल न करें। ऊंची पोटेंसियों में यह अधिक अच्छी है और उन्हें चुना जा सकता है।
- जल्दी-जल्दी न दुहराएं।
Natrum Mur
सिर दर्द के एक्यूट केस में ब्रायोनिया और नक्सवोमिका से पहले सिरदर्द दूर करें। इसके बाद नेट्रम म्यूर देकर रोग को स्थाई रूप से निरोग करें।
Nitric Acid
- यदि किसी जीर्णकालिक रोग में इसे देने के बाद त्वचा के रोग उत्पन्न होते हैं तो इस औषध को मत बदलिए। यह एक शुभ लक्षण है।
- मत भूलिए कि यह मर्कसॉल के दुरुपयोग से उत्पन्न रोगों को दूर करती है।
Nux Vomica
- इसे सुबह मत दीजिए, रोगवृद्धि करती है।
- जब सभी औषधियां विफल हो तो इसे इस्तेमाल करना मत भूलिए। यह विकृत संवेदनशीलता और अन्य कष्टों को दूर कर देगी।
Passiflora
- कंजूसी मत कीजिए, मदर टिंचर की बड़ी खुराकें दें।
- टी.बी. में उच्च पोटेंसी न इस्तेमाल करें। इससे Hemolysis हो सकता है।
Pulsatilla
- मत भूलिए कि इसका क्रॉनिक साइलीशिया है।
- मत भूलिए कि यह खून की कमी के रोगिणियों के लिए लाभकारी है। यह लौह और अन्य टॉनिक की अत्यधिक मात्रा लेने के बाद, यहां तक कि वर्षों पहले ली गई हो तब भी, उत्पन्न कुपरिणामों को दूर करने के लिए सर्वोत्तम औषध है।
- अधिक चाय पीने के कारण उत्पन्न रोगों में भी यह लाभकारी है।
Rhus tox
- एपिस के पहले या बाद में न दें।
- गर्म रोगी को, लक्षणों के पूर्णतः मिलने पर भी, न दें।
Selenium
- न तो इसे बहुत निम्न पोटेंसी में इस्तेमाल करें और न ही बार-बार दुहराएं।
- प्रातः काल न दें।
Silicea
- टी.बी. के रोगी को बहुत निम्न या बहुत ऊंची पोटेंसी में न दें।
- मर्कसॉल के पहले या बाद में न दें।
Sulphur
- एक्यूट अर्थात नए उदर-पीड़ा में न दें।
- जल्दी-जल्दी न दुहराएं।
- लाइकोपोडियम से पहले इसे न दें।
- मत भूलिये कि यह एकोनाइट का ‘क्रॉनिक’ है।
Thuja
- बार-बार न दुहराएं। एक खुराक या कभी-कभार ही इसकी और खुराक की आवश्यकता पड़ती है।
- टीका लगने के कारण उत्पन्न बुरे प्रभावों को दूर करने में जब थूजा विफल हो तो मत भूलिए कि साइलीशिया देना है।
Thyroidinum
टी.बी. के रोगियों को न दें।
Tuberculinum
- 200 पोटेंसी से नीचे न दें।
- हृदय और फेफड़ों की सावधानी पूर्वक जांच किए बिना इसे न दें।
Veratrum album
अतिसार में इसे 6 पोटेंसी से नीचे न दें।