हाथ की अँगुली में नाखून के आस-पास की जगह पर पहले सूजन और जलन होती है और लाली भी दिखाई पड़ती है । उसके बाद यह जगह पक जाती है तो उसमें बहुत दर्द होता है- यही स्थिति अंगुलबेड़ा कहलाती है।
बेलाडोना 30- रोग की प्रथमावस्था में जब हल्की लाली हो, पूर्ण रूप से मवाद न बना हो तो इसका प्रयोग लाभप्रद है ।
साइलीशिया 30- मवाद भर जाने के बाद इस दवा का प्रयोग करें, अवश्य ही लाभ होगा ।
हिपर सल्फर 3x, 200- जब पूर्ण रूप से मवाद न बना हो तो इस दवा का 200 शक्ति में प्रयोग करें, इससे फोड़ा बिना पके ही बैठ जायेगा । अगर पकने की अवस्था में हो तो इस दवा को 3x शक्ति में प्रयोग करें, इससे फोड़ा पककर फूट जायेगा ।