एक्स-रे होम्योपैथिक मेडिसिन के लक्षण और लाभ
यह शारीरिक और मानसिक शक्ति को बढ़ाता है और संजीवनी शक्ति को बल प्रदान करता है ( इसकी क्रिया से साइकोटिक या मिश्र दोष शरीर में गुप्त रूप से रहने पर वह उभर आता है। )
मस्तिष्क – सिर और मुंह के भिन्न-भिन्न स्थानों में कोंचने की तरह दर्द, दाहिने ऊपरी जबड़े में दर्द, गर्दन जकड़ी हुई ( Stiff Neck ), अचानक गर्दन में दर्द होने लगना, वह कान के पीछे अधिक मालूम पड़ता है। गर्दन की पेशी में दर्द, वह तकिये पर से सिर ऊँचा करने से ही बढ़ता है। कान के अंदर कुछ भरा सा मालूम होना, सिर के अंदर झन-झन शब्द होना।
मुख – जीभ सुखी, असमतल दर्दमय। निगलने पर गले में दर्द होना, मिचली आना।
चर्म – खुजलाहटपूर्ण, सूखी खुजली, नख की जड़ के चारों तरफ इरिथिमा, चर्म सूखा और चुंगरा, शरीर का फटना और दर्द होना, मस्से की तरह या मस्सा उत्पन्न होना, नख़ मोटा होना।
इनके अलावा – वात का दर्द, शरीर में थकावट लगना, हथेली खुरदरी होना और परत उठना, बुरे स्वप्न देखना, इन्द्रिय-शक्ति का घट जाना और रतिक्रिया की इच्छा का लोप हो जाना, लुप्त प्रमेह स्राव पुनः प्रारंभ होना इत्यादि उपसर्गों में भी यह लाभदायक है।
पोटेंसी – 12 व इससे उच्च शक्ति।