स्मरण शक्ति की कमी का कारण – अत्यधिक मानसिक परिश्रम व मानसिक थकान, पाचन संस्थान की गड़बडी, शारीरिक दुर्बलता, मानसिक दुर्बलता, टायफाइड, पैदाइशी दिमागी कमजोरी, लम्बी बीमारी के बाद याददाश्त में कमी आना, रक्तहीनता आदि कारणों से स्मरण शक्ति कम हो जाती है। ।
लक्षण – हर बात को भूल जाना, याद करने पर भी याद न आना, पढ़ा हुआ भूल जाना, परिचित व्यक्ति न पहचान पाना आदि इस रोग के लक्षण हैं।
याददाश्त तेज करने के घरेलू उपाय
( dimag tez karne ke gharelu nuskhe )
– सौंफ और मिश्री का समभाग चूर्ण मिलाकर दो चम्मच दोनों समय भोजन के बाद, लेते रहने से मस्तिष्क की कमजोरी दूर होती है। एक मास या दो मास लें, याददाश्त तेज हो जाएगी।
– दिमागी कमजोरी, गुर्दे की खराबी, स्मरण शक्ति की-कमी में भोजन से पहले एक मीठा सेब बिना छीले खाना चाहिए।
– मानसिक कमजोरी, स्मरण शक्ति की कमी या दिमाग में गर्मी हो तो चुकंदर का रस एक कप की मात्रा में दिन में दो बार लेना चाहिए। चुकंदर सलाद में भी खायें।
– खरबूजे के साथ खरबूजे के बीज भी खाने चाहिए क्योंकि बीज स्मरण शक्ति बढाने व शरीर का पोषण करने में समर्थ हैं।
– मस्तिष्क में तरावट और ताजगी लाने व् याददाश्त तेज करने के लिए काली मिर्च का प्रयोग ब्राह्मी की पत्तियों के साथ मिलाकर किया जाता है। सौ ग्राम घी में 3 से 5 ग्राम ब्राह्मी की पत्तियों को उबालकर उसमें पिसी हुई काली मिर्च तथा देसी बूरा मिलाकर चटनी बनाकर चाटने से स्मरण शक्ति बढ़ती हैं।
– आधा किलोग्राम दूध में पीपल के चार-पांच ताजा पत्तों को अच्छी तरह उबालकर दूध को छान लें। अब इसमें मिश्री मिलाकर सेवन करें। नित्य प्रति इस दूध के सेवन से दिमागी कमजोरी दूर होती है तथा स्मरण शक्ति तीव्र होती है।
– मस्तिष्क की कमजोरी दूर करने एवं स्मरण शक्ति बढाने में काली मिर्च लाभप्रद है। 25 ग्राम मक्खन में 5-6 कालीमिर्च एवं शक्कर मिलाकर नित्य चाटने से स्मरण शक्ति बढ़ती है।
– पका कद्दू खाने से स्मृति शक्ति बढ़ती है।
– अगर बसन्त के मौसम में 5 पके फल पीपल के रोज खायें तो याददाश्त अगले मौसम तक के लिये दुरुस्त हो जायेगी।
– यदि आपकी स्मरण शक्ति अच्छी नहीं है तो शहद में तैयार मुरब्बा खाएं।
– स्मरण शक्ति, और बुद्धि बढाने के लिये रुद्राक्ष, बच, शंख और स्वर्ण को एक साथ पत्थर पर घिसकर प्रात:-सायं एक चम्मच की मात्रा में शहद के साथ चाटना चाहिए।
– 6 किलो त्रिफला चूर्ण को भांगरे के रस में 7 दिन घोट कर रख लें। प्रतिदिन 20 ग्राम चूर्ण शहद व घृत की मात्रा में मिलाकर सेवन करना चाहिये। इस मात्रा के पचने पर दूध, भात का भोजन करना चाहिये। बाल काले भंवरे के समान हो जाते हैं। शरीर स्न्गिध, सुन्दर-पुष्ट हो जाता है। मेधा, बुद्धि व स्मरण शक्ति की वृद्धि होती है।
– शहद का हमेशा सेवन करने वालों की याददाश्त कमजोर नहीं होती।
– लीची, सेब खाएं। दो अखरोट रोज खायें। अखरोट खाने वाले व्यक्ति की याददाश्त अच्छी रहती है।
– तिल के लड्डू रोजाना खाने से मानसिक दुर्बलता व् तनाव कम होता है।
सर्दी के मौसम में सवेरे अखरोट का निशास्ता या पेय बनाकर पीना चाहिए। इससे दिमाग बहुत अच्छा हो जाता है, नींद बहुत सुखद आती है। कब्ज भी दूर होती है तथा चेहरे की कान्ति में चार चाँद लग जाते हैं, इसके साथ यह वीर्य-पुष्टिकर एवं वृद्धि करने वाला योग भी है।
निशास्ता के घटक द्रव्य – घी एक चम्मच, कालीमिर्च 7 नग, अखरोष्ट 1 पूरा, गेहू 10 दाने, बादाम 2 नग, मुनक्का 5 नग, छोटी इलायची 2, दूध-पानी 1-1 कप, शक्कर या मिश्री स्वादानुसार।
विधि – सबसे पहले मुनक्का, गेहूँ के दाने, कालीमिर्च, अखरोट, बादाम आदि को रात को पानी में भिगो दें, सवेरे उन्हें निकालकर पीसें, इसमें मुनक्का के बीज निकालकर पीसें फिर 1 कप दूध, 1 कप पानी मिलाकर घी गर्म करके उसका छौंक लगा दें, इसमें छोटी इलायची, मिश्री आदि मिलाकर 1-2 बार अच्छी तरह उबाल लें फिर इसे स्वाद लेकर गर्म-गर्म नाश्ते में पिएं। यह बहुत ही गुणकारी है।
स्मरण शक्ति बढाने का होम्योपैथिक इलाज
ऐनाकार्डियम 30 और काली फॉस 6 कुछ दिन लेने से स्मरण शक्ति बढ़ती है।