स्त्रियों को जननेन्द्रिय की खुजली में निम्नलिखित होम्योपैथिक औषधियाँ लाभप्रद है :-
सल्फर 30 – जननांग में भयंकर खुश्क खुजली, जिसे रोगिणी इतना अधिक खुजाती हो कि रक्त निकल आता हो ।
कैलेडियम 3, 6 – स्त्री जननांग की खुजली की यह मुख्य औषध है। कभी-कभी गुदा के कृमि योनिद्वार में प्रविष्ट होकर इतनी खुजली उत्पन्न कर देते हैं कि उसके कारण स्त्री में तीव्र संगमेच्छा जाग्रत हो जाती हैं और वह उसे शान्त करने के लिए हस्तमैथुन का आश्रय लेती है । गर्भावस्था की खुजली में भी यह लाभकारी है।
सीपिया 200 – योनि-द्वार की खुजली के साथ प्रदर की भी शिकायत हो तो इसका प्रयोग हितकर रहता है ।
रेडियम-ब्रोम 30 – डॉ० क्लार्क के मतानुसार जननांग अथवा गुदा की खुजली में इस औषध को सप्ताह में एक बार देने से लाभ होता है ।
बोरैक्स 3x – गर्भावस्था की खुजली में इसका कई सप्ताह तक सेवन करना चाहिए। बाह्य जननांग की खुजली में इस औषध का पाउडर लगाना भी लाभकारी रहता है ।
मर्क-सोल 30, 200 – पेशाब लगने के कारण जननांग में खुजली मचना, जिसके कारण मूत्र को धो देना पड़ता हो । रोगिणी को तीखे तथा लगने वाले प्रदर की शिकायत एवं रात्रि के समय कष्ट बढ़ जाने के लक्षणों में हितकर है ।
क्रियोजोट 3, 30 – ऐसी कामोत्तेजक खुजली, जिसे रोगिणी हर समय खुजाती रहती हो, इस औषध के प्रयोग से दूर हो जाती है ।
टैरेण्टुला-हिस्पानिया 6, 30 – बाह्य-जननांग में खुजली तथा तीव्र खुजली, कामोद्रेक एवं हिस्टीरिया के साथ होने का आवेग तथा जननांग से हवा निकलने के लक्षणों में लाभ करती है ।
हेलोनियास Q, 6 – बाहय-जननांग तथा योनि-द्वार में ऐसी तीव्र खुजली, जिसे खुजाते हुए रोगिणी मांस तक को नोंच और छील डाले, त्वचा सूजकर लाल हो जाए तथा उस पर कहीं-कहीं सफेद दागों का पड़ जाना-इन लक्षणों में हितकर है।
आर्टिका युरेन्स Q, 3 – बाह्य-कामेन्द्रिय में जलन तथा खुजली, भगोष्ठों में सूजन तथा उनका कड़ा पड़ जाना – इन लक्षणों में लाभकर है ।
कोलिन्सोनिया Q, 3 – बाहय-जननांग की खुजली में हितकर है ।
लिलियम टिग्रिना 30, 200 – बाहय-जननांग में खुजली, चलते-फिरते समय टट्टी जाने की हाजत के समय जैसे भार का अनुभव, भीतरी अंगों के बाहर निकल पड़ने जैसी प्रतीति। यदि रोगिणी आराम से बैठ अथवा लेट जाय तो उक्त प्रकार की हाजत का न रहना-इन सब लक्षणों में लाभ करती है ।