दस्त – सूखा नारियल खाने से दस्तों में लाभ होता है।
कृमिनिस्सारक (Vermifuge) – (1) नारियल का पानी पीकर, कच्चा नारियल खाने से कृमि निकल जाते हैं। नारियल का पानी पीने से पाचन क्रिया ठीक होती है। (2) नारियल का तेल एक चम्मच नित्य रात को सोते समय पिलाते रहने पर बच्चों के पेट के कीड़े नष्ट हो जाते हैं। पेट में कृमि हों, उल्टियाँ होती हों तो नारियल के पानी में नीबू निचोड़कर पिलायें।
फरास – एक चम्मच सुहागा तवे पर गर्म करके फुलाकर, पीसकर दो चम्मच नारियल का तेल और दो चम्मच दही में मिलाकर बालों को जड़ों में लगायें, मालिश करें। आधे घण्टे बाद सिर धोयें। फरास दूर हो जायेगी।
बाल गिरना – नारियल का तेल सिर में लगाने से बाल गिरना बन्द होकर बाल लम्बे होते हैं।
खुजली – 50 ग्राम नारियल के तेल में दो नीबू का रस मिलाकर मालिश करने से खुजली कम होती है। साथ में सूखा नारियल खायें।
सिरदर्द – नारियल की 25 ग्राम सूखी गिरी और इतनी ही मिश्री सूर्य उगने से पहले खाने से सिरदर्द बन्द हो जाता है।
नकसीर – प्रात: भूखे पेट 25 ग्राम नारियल खाने से नकसीर आना बन्द होता है। यह सात दिन तक खायें।
अाँखों के सामान्य रोग – नारियल की 25 ग्राम सूखी गिरी और शक्कर 60 ग्राम प्रतिदिन एक सप्ताह खाने से लाभ होता है। आँख दुखने पर नमक न खायें या कम खायें। घी, बूरा या शक्कर, कालीमिर्च से रोटी खायें। नारियल का सेवन नेत्र-ज्योति बढ़ाता है।
कृमि – बच्चे के मल में कृमि हो और उल्टी होती हो तब उसे नारियल के पानी में नीबू का रस मिलाकर पिलाना चाहिये।
जीभ फटना – पान खाने से जीभ फट गई हो तो सूखे नारियल की गिरी और मिश्री मिलाकर चबाने से लाभ होता है।
अम्लपित्त – नारियल का जल दिन में एक-दो बार पियें।
जलाभाव (De-hydration) – उल्टी, दस्त, तेज ज्वर किसी भी कारण से जलाभाव हो जाए तो कच्चे नारियल के पानी में स्वादानुसार नीबू निचोड़कर घूंट-घूंट पानी बार-बार पिलाते रहने से जलाभाव नहीं होता। रोगी को लाभ होता है। जिस प्रकार बड़े लोग पूरे नारियल का पानी पी लेते हैं, वैसे बच्चों को नहीं देना चाहिये। शिशुओं के लिये एक-एक चम्मच बार-बार देना पर्यात है।
दूध (कमी) की वृद्धि – माता को दूध कम आता हो तो दूध में नारियल का पानी मिलाकर शिशुओं को पिला सकते हैं। जिन शिशुओं को दूध नहीं पचता, वे नारियल के पानी को दूध में मिलाकर पिलाने से दूध को पचा लेते हैं।
टाइफाइड, कोलाइटिस, चेचक, पेचिश, अतिसार या डिप्थीरिया आदि में नारियल का पानी अधिक हितकर होता है।
शरीर में दाह, गर्मी – नारियल शरीर में ठण्डक लाता है। प्रात: भूखे पेट नारियल के पानी में नीबू का रस मिलाकर पीने से शरीर की सारी गर्मी मूत्र एवं मल के साथ निकल जाती है और रक्त शुद्ध होता है।
चेहरे के दाग-धब्बे – चेहरे पर नारियल का पानी नित्य दो बार लगाते रहने से चेहरे के कील, मुँहासे, दाग, धब्बे, चेचक के निशान आदि दूर हो जाते हैं। छोटे बच्चों को शक्कर या गुड़ के साथ खोपरा खिलाने से उनका दुबला पतला शरीर हष्ट-पुष्ट और मोटा हो जाता है।
सुन्दर सन्तान – नित्य एक नारियल के पानी गर्भावस्था में पीते रहने से सुन्दर सन्तान का जन्म होता है।
गोरे रंग की संतान – मक्खन में पिसी हुई मिश्री समान मात्रा में मिलाकर दो चम्मच इच्छानुसार चाट लें। फिर चौथाई गोला कच्चा नारियल व मिश्री को खूब चबा-चबाकर 5 माह तक खायें। इसके बाद दो चम्मच सौंफ खायें। यह पूरे गर्भकाल में खाती रहें। इससे माँ और शिशु दोनों हृष्ट-पुष्ट होंगे। शिशु गोरे रंग का होगा चाहे माता-पिता काले हों | गर्भवती महिलाओं को नारियल खिलाने से जन्म लेने वाले बच्चे की आँखें सुन्दर होती हैं व नेत्र-ज्योति बढ़ती है।