लक्षण तथा मुख्य-रोग की प्रकृति
(1) लगातार होंठ और नाक को कुरेदने और नोचने की इच्छा
(2) भयंकर, जहरीला, खुश्क या बहता हुआ जुकाम
(3) गला बैठ जाना
लक्षणों में कमी
(i) कुछ विशेष नहीं
लक्षणों में वृद्धि
(i) भाषण, गायन में वृद्धि
(ii) ठंडक से वृद्धि
(iii) गर्म से ठंडक में आने से वृद्धि
(1) लगातार होंठ और नाक को कुरेदने और नोचने की इच्छा – जब किसी भी रोग में होंठ और नाक को लगातार कुरेदने की इच्छा हो, नाक में अंगुली डालकर, कुरेद-कुरेद कर, नोच-नोच कर रोगी खून तक निकाल डाले और फिर भी कुरेदने की इच्छा शान्त न हो, तब एरम ट्रिफाइलम औषधि काम आती है। होंठ, मुख का खोल तथा नाक आदि की त्वचा छिल जाती है, खून निकलने लगता है, रोगी छिली जगह को भी नोचता रहता है, ऐसा करने से उसे दर्द होता है, बच्चा चीखता भी है, परन्तु नोंचने से नहीं रुकता। त्वचा की सतह कच्चे मांस जैसी लाल हो जाती है। जब किसी भी रोग में ऐसी हालत हो, रोगी त्वचा को दर्द सहते हुए भी नोचता, छीलता ही चला जाय, तो एरम ट्रिफाइलम देना उचित है। संभव है कि होंठ या नाक में कुछ ऐसी प्रबल खुजली-सी होती हो कि रोगी उस स्थान को नोचने के बिना चैन ही अनुभव न करता हों, होंठ से, नाक से खून बहे और वह फिर भी उस स्थान को छिलता जाय-यह ‘विशिष्ट-लक्षण है जिधर ध्यान देना चाहिये। टाइफॉयड में ऐसा नोचना पाया जाता है। कभी-कभी रोगी अचेतनावस्था में नाक में बार-बार अंगुली डालता है और उसे नोचता है-यह लक्षण हेलेबोरस का है। संपूर्ण ज्ञान के साथ नाक में अंगुली डालना और नोचना एरम ट्रिफाइलम का लक्षण है। यह लक्षण इतना प्रबल केवल एरम ट्रिफाइलम दवा में पाया जाता है।
(2) भयंकर, जहरीला, खुश्क या बहता जुकाम – एरम ट्रिफाइलम औषधि में भयंकर जुकाम पाया जाता है। नाक बन्द हो जाती है, खासकर बायीं नाक। रोगी मुख से सांस लेने को बाधित हो जाता है। रात को लगातार छींकें आती हैं। अगर जुकाम खुश्क न होकर बहनेवाला हो, तो नाक का पानी त्वचा के जिस भाग पर से बहता है वहां लाल निशान पड़ जाते हैं नाक को अन्दर से और बाहर से रोगी छीलता जाता है। नाक से पानी बहने पर भी नाक बन्द रहती है तो इन लक्षणों में एरम ट्रिफाइलम देना उपयोगी है।
(3) गाला बैठ जाना – गवैय्ये, व्याख्याता, वकील जब 3-4 घंटे बोल कर ठंडे स्थान में जाते हैं, तब हवा के लगने से उनका गला बैठ जाता है। एरम ट्रिफाइलम उन्हें अपना काम जारी रखने की शक्ति प्रदान करता है, गला खुल जाता है। रसटॉक्स का व्यक्ति जब बोलने लगता है, तब उसका गला बैठा होता है, परन्तु ज्यों-ज्यों वह बोलता जाता है, गला खुलता जाता है, आवाज स्पष्ट होती जाती है। रस टॉक्स की विशेषता ही यह है कि हरकत से उसे लाभ होता है।
(4) शक्ति – एरम ट्रिफाइलम औषधि निम्न-शक्ति में नहीं देनी चाहिये और न इसे बार-बार देना चाहिये। इससे कुफल होता है। उच्च-शक्ति में देने से लाभ होता है। 200 शक्ति में दें।