कमर दर्द का इलाज इन हिंदी : यह रोग उन स्त्री-पुरुषों को हो जाता है, जो अधिक देर तक बैठे-बैठे, खड़े-खड़े या गलत मुद्रा में बैठकर अथवा लेटकर कार्य करते हैं। जो स्त्री-पुरुष अधिक नर्म गद्दों पर बैठते या सोते हैं, उनको भी कमर-दर्द की शिकायत हो जाती है। कई बार पेशियों के खिंचाव तथा मानसिक तनाव के कारण भी कमर में दर्द हो जाता है।
कमर में तेज दर्द, उठने-बैठने में तकलीफ़, रात को सोने के बाद सुबह उठने पर कमर का अकड़ जाना तथा इसमें दर्द, झुकने पर कमर में दर्द आदि इस रोग की पहचान है।
कमर दर्द का घरेलू इलाज
(kamar dard ka Gharelu ilaj)
- सोंठ का चूर्ण या अदरक का एक चम्मच रस नारियल के तेल में पकाकर फिर इसे ठंडा करके दर्द वाले अंगों पर लगभग 15 मिनट तक मालिश करें।
- रात के समय कमर पर जायफल को घिसकर इसका लेप करें।
- खसखस 10 ग्राम तथा मिसरी 10 ग्राम। दोनों को कूट-पीसकर चूर्ण बना लें। इसमें से 5-5 ग्राम चूर्ण सुबह-शाम गर्म दूध के साथ सेवन करें।
- राई का तेल तथा तिल का तेल। दोनों को बराबर मात्रा में लेकर कमर पर मालिश करें। 15 दिन तक निरंतर मालिश करने से दर्द जाता रहता है।
- लौंग के तेल की मालिश करने से कमर के दर्द के अलावा अन्य अंगों का दर्द भी जाता रहता है। मालिश स्नान से पूर्व करनी चाहिए।
- एक चम्मच अदरक के रस में थोड़ा-सा घी मिलाकर सेवन करें।
- कमर के दर्द में सहजन की फलियों की सब्जी बहुत फायदा करती है।
- दिन में तीन बार कमर पर बादाम के तेल की मालिश करनी चाहिए। दर्द एक सप्ताह में बिल्कुल जाता रहता है।
- कमर पर मेथी को पीसकर उसकी पुल्टिस बांधे तथा मेथी की सब्जी खाएं।
- जायफल को पानी के साथ सिल पर घिस लें। फिर उसे 200 ग्राम तिल्ली की तेल में अच्छी तरह गर्म करें। ठंडा होने पर कमर पर मालिश करें।
- सोंठ का काढ़ा बनाकर उसमें एक चम्मच अरण्डी का तेल डालकर पी जाएं।
- सोंठ का चूर्ण आधा चम्मच सुबह और आधा चम्मच शाम को दूध में डालकर पिएं।
- एक किलो सरसों का तेल लेकर उसमें 250 ग्राम लहसुन की पूतियों को कुचलकर डालें। फिर उसे तब तक गर्म करें, जब तक लहसुन जल न जाए। इस तेल को छानकर शीशी में भर लें। फिर इसकी कमर पर मालिश करें।
- अजवाइन को एक पोटली में रखकर उसे तवे पर गर्म करें। फिर इस पोटली से कमर को सेंकें।
- छुहारे से गुठली निकालकर उसमें गुग्गुल भर दें। इसके बाद छुहारे को तवे पर सेंक कर दूध के साथ सेवन करें। सुबह-शाम एक-एक छुहारा खाएं।
- सरसों के तेल में कपूर मिलाकर कमर की मालिश करें।
- असगंध तथा सोंठ बराबर की मात्रा में लेकर इनका चूर्ण बना लें। इसमें आधा चम्मच चूर्ण सुबह और आधा चम्मच शाम को पानी के साथ सेवन करें।
- खुरासानी अजवाइन के चूर्ण को तिल के तेल में मिलाकर पका लें। फिर तेल को छानकर कमर के साथ-साथ सारे शरीर की मालिश करें।
कमर दर्द का आयुर्वेदिक इलाज
(Kamar dard ka Ayurvedic ilaj)
- नागौरी असगंध 100 ग्राम, मेथी के दानें 100 ग्राम, विधारा 100 ग्राम तथा सोंठ 100 ग्राम। इन सभी दवाओं को कूट-पीसकर कपड़छान कर लें। इस चूर्ण में से आधा चम्मच चूर्ण सुबह-शाम पानी के साथ लें।
- ग्वारपाठे का गूदा 10 ग्राम, लौंग 4 नग, नागौरी असगंध 50 ग्राम, सोंठ 50 ग्राम। सबको पीसकर चटनी बना लें। 4 ग्राम चटनी नित्य सुबह के समय सेवन करें।
- धतूरे के पत्तों का रस 200 ग्राम, आक के पत्तों का रस 200 ग्राम, अरण्ड के पत्तों का रस 200 ग्राम, तिल्ली का तेल 800 ग्राम। सबको मिलाकर अच्छी तरह पकाएं। फिर छानकर शीशी में भर लें । इस तेल से कमर की मालिश करें।
- रास्ना, पुनर्नवा, सोंठ, गिलोय तथा अरण्ड की जड़ की छाल। सब 10-10 ग्राम की मात्रा में लेकर दो कप पानी में उबालें। पानी जब आधा कप बचा रह जाये, तो इसे छानकर एक से दो चम्मच तक नित्य सेवन करें।
- गुग्गुल, गिलोय, हरड़ के बक्कल, बहेड़े के छिलके तथा गुठली सहित सूखे आंवले । सब 50-50 ग्राम लेकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण में से आधा चम्मच चूर्ण एक चम्मच अरण्डी के तेल के साथ नित्य सेवन करें। लगभग 20 दिन तक इस दवा को लेने से कमर का दर्द बिल्कुल ठीक हो जाएगा।
- निसोथ की जड़ को दूध में पीसकर उसमें आधा चम्मच अडूसे का रस मिलाकर सेवन करें।
- सोंठ 50 ग्राम, लाहौरी नमक 20 ग्राम, लहसुन 20 ग्राम। सबको पीसकर चटनी बना लें। इसमें से 3-4 ग्राम चटनी गुनगुने पानी से लें।
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वैद्यनाथ : योगराज गुग्गुल, महायोगराज गुग्गुल, रास्नादि चूर्ण, रास्नादि क्वाथ, नारायण तेल प्रसारिणी तेल ।
डाबर : लशुनादि चूर्ण, त्रयोदशांग गुग्गुल, त्रिफला गुग्गुल, सैन्धवादि तेल; कल्याण अवलेह, नोपेन ।
गुरुकुल कांगड़ी : निर्मुण्डी चूर्ण, महायोगराज गुग्गुल; वात गजकेसरीरसवटी; महानारायण तेल ।
झंडु फार्मेसी : वातनाशक तेल, अश्वगंधाद्य धृत, रास्नादि क्वाथ, कैशोर गुग्गुल।