[ Poison of the Toad ] – यह औषधि टोड जाति के मेंढक की चमड़ी से निकले हुए रस या जहर से विचूर्ण के रूप में तैयार की जाती है। समस्त स्नायुमण्डल और चर्म रोगो पर इसकी प्रधान क्रिया होती है। मन्द बुद्धि बच्चों के लिये उपयोगी है, समय से पहले बुढ़ापा, मिर्गी के दौरे, रात को सोते-सोते आक्षेप के दौरे (convulsive seizures) पड़ते हैं, यौन सम्बन्धी रोगों का गतिशील रहना भी इस औषधि के प्रभाव क्षेत्र में आता है।
पुरुष – स्वप्न दोष, हस्तमैथुन की प्रबल इच्छा, रोगी एकान्त जगह खोजा करता है, बहुत जल्दी वीर्य स्खलन हो जाता है, अपने आप वीर्य स्खलन होना, इससे रोगी धीरे-धीरे कमजोरी व ध्वजभंग हो जाता है। सम्भोग के समय मिर्गी का दौरा पड़ जाना।
स्त्री – ऋतुस्राव समय से पहले होता है, पनीला प्रदर, उत्तेजना के साथ मिर्गी के दौरे। स्तन ग्रन्थियों की कठोरता, जरायु और डिम्बकोष में जलन, जरायु ग्रीवा में घाव, खून मिला बदबूदार स्राव, स्तन के दूध के साथ खून आना। प्रसवोत्तर कालीन टांग की सूजन जो रक्तसंचार में बाधा पड़ने पर आती है। शिराओं का फूलना आदि बीमारियों में इसके प्रयोग से फायदा होता है।
चर्म रोग – हथेली और तलवों में छाले, जो दाग छोड़ जाते हैं तथा जिनमें खुजली करने वाली पीब भरी रहती है। थोडी-सी चोट लगने पर घाव हो जाता है। मुंह तथा गालों में घाव होकर वहां छेद हो जाते हैं, स्तन में कैन्सर के समान घाव।
सिर – रोगी अपने स्वास्थ्य के बारे में चिन्तित रहता है व्याकुल और दुखी। दांतों से काटने की प्रवृति होती है। रोगी का स्वभाव एकान्तप्रिय होता है, सिर पर ऐसा मालूम होता है जैसे गरम-गरम भाप कपालशार्ष तक जा रही हो। दिमाग का सुन्नपन, चहेरा पसीने से भीग जाता है। नकसीर छूट जाती है, चहेरा तमतमाया हुआ और माथे में दर्द रहता है।
अांखें – चमकदार चीजों को देखना सहन नही कर सकता। अांखों पर छोटे-छोटे छाले बन जाते हैं। –
कान – रोगी जरा भी तेज आवाज सहन नही कर सकता, संगीत व शोर बिल्कुल सहन नही होता।
मिर्गी – रोगी दौरा आरम्भ होने से पहले खूब जोर से चिल्ला उठता है वह क्या कहता है ठीक से समझ में नही आता। जननेन्द्रिय की उत्तेजना पीड़ा का कारण है अथवा जननेन्द्रिय सुरसुरी (aura) आरम्भ होकर मिर्गी का दौरा होता है तो इससे फायदा होगा। दौरे के बाद सो जाना भी इसका एक लक्षण है। ।
वाह्यांग – अगों में सुन्नपन, ऐंठन और जांघों में दर्द। आस्थिर चाल ऐसा लगता जैसे जोड़ों में किसी ने कील ठोक दी हो।
सम्बन्ध – बैराइटा का, ऐस्टेरियस, सालमेण्डरा (मिर्गी और मस्तिष्क मृदुता)
वृद्धि – गरम कमरे में नींद खुल जाने से वृद्धि।
ह्रास – नहाने से, ठन्डी हवा में जाने से गरम पानी में पैर डुबो कर रखने से ह्रास।
मात्रा – 2x से 200 शक्ति।