[ Pennywort ] – इस औषधि का हृदय पर विशेष प्रभाव होता है। पेशियों और तन्तु-उत्तक (Fibrous tissue) में सुन्नपन के साथ लगातार दर्द रहता है वक्ष रोध (oppression of chest), गला भरा हुआ लगता है, मिर्गी, गृध्रसी। दर्द स्तनों से शुरू होकर कन्धे के जोड़ों तक चला जाता है। यह इस औषधि का एक प्रमुख लक्षण है। स्वरयंत्र और श्वास प्रणाली का नजला। सारे जोड़ों में दर्द के साथ वातोन्माद की अवस्था भी गतिशील रहती है।
सिर – सिर दर्द के साथ खोपड़ी पर दबाव। भावनाओं का दमन करने से उत्पन्न होने वाले विकार। रोगी खोया सा रहता है जैसे किसी उलझन में हो। जगने के कुछ देर बाद तक साफ-साफ नही बोल सकता। रोगी को ऐसा लगता है जैसे उसके शरीर से कोई एक भाग गायब हो गया है।
वक्ष – कन्धे के कोणों के नीचे दर्द और दाएं स्तन में लगातार वेदना रहती है बाएं चूचुक में दर्द। ऐसा महसूस होता है जैसे हृदय भरा हुआ हो और किसी रुकावट के कारण फट जायेगा। ऐसा लगता है जैसे दम घुट जायेगा।
वाह्यांग – त्वचा अधिक सूक्ष्मग्राही, कमर, जाधों तथा सभी जोड़ों में निरन्तर वेदना का अहसास। टागों तथा बाजू भारी सी लगती है तथा उनमें दर्द होता है।
सम्बन्ध – अम्बरा, एसाफीटिडा, टेपाटिका, इग्ने, लैकेसिस से तुलना करो।
मात्रा – मूलार्क से 3 शक्ति तक।