इस पोस्ट में हम जानेंगे की होम्योपैथिक औषधियां कैसे और किस चीज से तैयार की जाती है।
होम्योपैथिक औषधियां पेड़-पौधों (जड़ें, छाल, कलियां, पत्तियां, रस, गोंद, तेल, आदि या समूचा पौघा), जीवित पदार्थों (जैविक-स्राव, विष, आदि), शारीरिक मलों, रसायनों, कृत्रिम पदार्थों, खनिजों, आदि से तैयार की जाती हैं। ये औषधियां मूल अर्क, पिसे रूप में, या शक्ति अनुसार गोलियों में उपलब्ध होती हैं।
निम्नांकित माध्यम औषधियों का निर्माण करने में काम आते हैं। इन माध्यमों में अपना कोई खास औषधीय गुण नहीं होता। ये सूखे या तरल रूप में होते हैं –
- दुग्ध शर्करा (Sugar of milk) – विचूर्ण बनाने अथवा औषधि में मिलाने के लिए
- औषधि स्तर की गन्ने की शर्करा (Pharmaceutical grade Cane-Sugar) – गोलियां या टिकियां बनाने के लिए
- परिष्कृत जल (Distilled water) औषधि बनाने और उसे रोगी को देने के लिए
- एल्कोहल (Alcohol) – मूल अर्क बनाने या विभिन्न शक्तियों वाली औषधियां बनाने के लिए
- ग्लिसरीन (Glycerine) – औषधियों का परिरक्षण करने अथवा उन्हें रोगियों को देने के लिए
- वैसलीन (Vaseline) – मरहम, लेप, आदि, बनाने के लिए
- द्रव्य ईथर (Solvent Ether) – औषधियों के परीक्षण के लिए
- सीरप सिम्प्लैक्स (Syrup simplex) – सीरप, आदि बनाने के लिए
मूल अर्क (Mother Tincture) – साधारणतया ऐसे पेड़-पौधों से बनाया जाता है, जो एल्कोहल में घुल जाते हैं। मूल अर्क में एल्कोहल का प्रतिशत 90 तक हो सकता है। मूल अर्क की अंग्रेजी के अक्षर Q के संकेत से दशति हैं।
विचूर्ण (Trituration) – जो पदार्थ एल्कोहल में नहीं घुलते, उनकी दुग्ध शर्करा के साथ पीसकर विचूर्ण तैयार किया जाता है।
शक्ति (Potency) – मूल अर्क और विचूर्ण में औषधि अपरिपक्व रूप में होती है। इनको एल्कोहल में मिलाकर विशेष प्रकार से मिश्रित किया जाता है अथवा दुग्ध शर्करा के साथ खरल में विशेष प्रकार से रगड़ कर शक्तिकृत किया जाता है। शक्तिकरण के लिए मूल अर्क और एल्कोहल, दुग्ध शर्करा, या परिष्कृत जल 1 और 9 के अनुपात या 1 और 99 के अनुपात में हो सकते हैं। जो औषधियां 1:9 में तैयार की जाती हैं, उनकी शक्ति अनुसार × से (यथा 3x) दर्शाते हैं, यह डेसीमल स्केल कहलाता है। जो औषधियां 1:99 में तैयार की जाती हैं.उन्हें सैन्टेसिमल स्केल कहा जाता है और उन औषधियों के नाम के साथ केवल संख्या (जैसे नक्स वोमिका 30) दी जाती है।