दांत की बीमारी – मसूढ़ों में फोड़ा, घाव, नासूर (Pyorrhoea), दांतों में कीड़े लगकर दांतों का क्षय होना या मसूढ़े की हड्डी में घाव (carious teeth), मुंह में स्नायु शूल का दर्द, मसूढ़े के चारों ओर सूजन के साथ दांतों में शूल का दर्द, दांत उखड़वाने के बाद वहां दांत का कुछ अंश रह जाना और उसकी वजह से दर्द की शिकायतें पैदा हो जाना तथा बच्चों के दांत निकलने के समय की 2-1 बीमारी इत्यादि में – हेक्ला लावा अन्य सभी दवाओं से ज्यादा फायदा करती है। पायोरिया में इसका टूथ-पाउडर भी व्यवहार में लाया जाता है ( इसकी 2x शक्ति 25-30 ग्रेन आधा औंस वैसलीन या ग्लिसरीन में मिलाकर दाँत में लगाएँ )
हड्डी की बीमारी – हड्डी का प्रदाह (osteitis), अस्थि-आवरक परदे का प्रदाह, अस्थि का अर्बुद (osteosarcoma) इत्यादि हड्डियों की घातक बीमारीओं में और उपदंश रोग से उत्पन्न (syphilitic) नाक की हड्डी के घाव में यह लाभदायक है; और बच्चों की रिकेट्स (rachitis) नामक हड्डी की बीमारी में भी फायदा करती है। गर्दन की गांठ (cervical glands) फूल जाने, बड़ी और कड़ी हो जाने पर – इससे फायदा होता है। पैर के नीचे की तरफ की सामने वाली हड्डी बढ़ जाना और बेकार हो जाना।
सदृश – साइलि, मर्क, फॉस, कैलि आयोड, कैल्के आयोड इत्यादि।
क्रम – 2x से 6 शक्ति।
हेक्ला लावा होम्योपैथिक दवा का कोई भी साइड इफ़ेक्ट नहीं है और इसे किसी भी होम्योपैथिक स्टोर से प्राप्त किया जा सकता है।